पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इमरान का कहना है कि जब मैं प्रधानमंत्री की कुर्सी पर था, तब मुनीर ने बुशरा बीबी से मिलने के लिए हरसंभव प्रयास किए थे।  हालांकि, कई बार पीछा करने के बावजूद भी बुशरा ने मुनीर को भाव नहीं दिया। इसके बाद वो उनकी पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ हो गए। इमरान खान ने कहा, जब मैंने जनरल असीम मुनीर को डीजी आईएसआई के पद से हटाया, तो उन्होंने मामले पर चर्चा करने के लिए मध्यस्थों के माध्यम से मेरी पत्नी बुशरा बीबी से संपर्क करने की कोशिश की।

'बुशरा बीबी का कोई लेना देना नहीं है'

हालांकि, बुशरा बीबी ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया, उन्होंने कहा कि उनका ऐसे मामलों से कोई लेना-देना नहीं है और वे उनसे नहीं मिलेंगी। इमरान खान ने आगे कहा, बुशरा बीबी की 14 महीने की अन्यायपूर्ण कैद और जेल में निंदनीय अमानवीय व्यवहार के पीछे जनरल आसीम मुनीर का प्रतिशोधी स्वभाव है। जनरल मुनीर पर और अधिक हमला करते हुए खान ने कहा, 'जिस तरह से मेरी पत्नी को व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए निशाना बनाया गया है वह अभूतपूर्व है।'


'मैं अपनी पत्नी से चार हफ्तों से नहीं मिला'

इमरान खान ने आगे ये भी कहा, बुशरा बीबी पर सहायता करने और उकसाने का आरोप लगाया गया, एक ऐसा आरोप जिसके लिए कभी कोई सबूत पेश नहीं किया गया, और उन्हें एक के बाद एक झूठे मामलों में गिरफ्तार किया जाता रहा है। वह एक निजी नागरिक हैं, एक गृहिणी हैं जिनका कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। मुझे पिछले चार हफ्तों में उनसे मिलने की भी अनुमति नहीं दी गई है।'

इमरान खान ने कहा कि 9 मई, 2023 की घटनाएं, जिसमें सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया, 'लंदन योजना' का एक हिस्सा थीं। इसका उद्देश्य पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को खत्म करना था।


 'नेताओं को गैरकानूनी तरीके से किया गिरफ्तार'

इस पूर्व नियोजित योजना के तहत, मुझे और मेरी पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया। हमारे लोकतांत्रिक जनादेश को बेशर्मी से चुराया गया और भ्रष्ट व्यक्तियों - शरीफ और जरदारी को देश पर थोपा गया।