नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत को एंटी सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) सोनोबॉय और उससे संबंधित उपकरणों की प्रस्तावित बिक्री को मंजूरी दे दी है। इस सौदे की कीमत लगभग 52.8 मिलियन डॉलर (443 करोड़ रुपए) है। वाशिंगटन में रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने इसकी घोषणा की है।
शुक्रवार को संभावित बिक्री के बारे में कांग्रेस को जानकारी देते हुए डीएससीए ने इससे संबंधित जरूरी सर्टिफिकेशन मुहैया कराया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अभी अमेरिका के दौरे पर हैं।
वे वहां 22 अगस्त को गए थे और उनकी यात्रा चार दिन के लिए है। ऐसे में इस डील की खबर तब सामने आई है जब राजनाथ सिंह और और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के बीच एक दिन पहले बैठक हुई थी।
क्या है यह सौदा
इस डील को लेकर जारी एक बयान में अमेरिका ने कहा है कि ‘अमेरिका के विदेश मंत्री ने विदेशी रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है। इसके तहत भारत सरकार को एंटी सबमरीन हथियार सोनोबॉय और उससे संबंधित उपकरणों की बिक्री की जा सकेगी।’
सौदे के तहत अमेरिका भारत को AN/SSQ-53G एंटी-सबमरीन सोनोबॉय, AN/SSQ-62F एंटी-सबमरीन सोनोबॉय और AN/SSQ-36 सोनोबॉय देगा। यही नहीं सौदे में इंजीनियरिंग, तकनीकी और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट भी शामिल है।
“The Secretary of State has approved a possible Foreign Military Sale to the Government of India of Anti-Submarine Warfare Sonobuoys and related equipment for an estimated cost of $52.8 million. The Government of India has requested to buy AN/SSQ-53G High Altitude Anti-Submarine… pic.twitter.com/G0YK8aITxX
— ANI (@ANI) August 24, 2024
एंटी सबमरीन वारफेयर सोनोबॉय की खुबियां
सौदे में शामिल अलग-अलग किस्म के सोनोबॉय दुश्मन के पनडुब्बियों को पता लगाने और उन पर नजर रखने के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है। पोर्टेबल सोनार सिस्टम सोनोबॉय की लंबाई तकरीबन तीन फीट है और उसकी चौड़ाई पांच इंच है।
इसे पानी के जहाजों, हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर्स और वॉरशिप से पानी में गिराया जा सकता है जो दुश्मन के पनडुब्बियों को टारगेट करने में सक्षम है। सोनोबॉय तीन प्रकार के होते हैं जिन्हें एक्टिव, पैसिव और स्पेशल पर्पस सोनोबॉय के नाम से जाना जाता है।
भारत को मिल चुके हैं 6 सीहॉक हेलीकॉप्टर
भारत और अमेरिका के बीच फरवरी 2020 में 24 MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा हुआ था। इस सौदे के तहत मार्च 2023 तक छह MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर की आपूर्ति की जा चुकी है।
इसकी लागत लगभग 17,500 करोड़ रुपए थी। सीहॉक हेलीकॉप्टरों को कई कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे जहाज-रोधी हमलों, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, खोज और बचाव और चिकित्सा निकासी सहित कई अन्य प्रकार के मिशनों में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है।
चीन ने लॉन्च किया सबसे आधुनिक सबमरीन
हाल ही में चीन ने अपने सबसे आधुनिक सबमरीन को लॉन्च किया है। इस पनडुब्बी को पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी की अंडरवाटर फ्लीट में शामिल किया गया है। चीन के पास अभी फिलहाल 48 डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन है।
अपनी सबसे बड़ी पनडुब्बी की मदद से चीन पर हिंद महासागर और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में इस पर जासूसी के आरोप लगते आ रहे हैं।