वाशिंगटनः अमेरिका में यहूदी छात्रों के खिलाफ भेदभाव और उत्पीड़न की बढ़ती शिकायतों के बीच, शिक्षा विभाग ने 60 विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की जांच शुरू कर दी है। इन संस्थानों पर सिविल राइट्स एक्ट (Title VI) का उल्लंघन करने का आरोप है। यह कदम ऐसे समय आया है जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन विश्वविद्यालयों की संघीय फंडिंग रोकने की धमकी दी है, जो अवैध विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा देने के आरोपी हैं।
ट्रंप प्रशासन ने पहले ही कोलंबिया विश्वविद्यालय से 400 मिलियन डॉलर (करीब 3,489 करोड़ रुपये) की फंडिंग वापस ले ली है, क्योंकि वहां यहूदी छात्रों के उत्पीड़न पर कथित उदासीनता बरती गई थी। इस विश्वविद्यालय में गाजा युद्ध के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।
आईवी लीग समेत कई बड़े विश्वविद्यालय जांच के दायरे में
Axios की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग ने सोमवार को आईवी लीग (Ivy League) और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (UC) समेत 60 प्रमुख संस्थानों को चेतावनी पत्र भेजे। इसमें उन्हें यहूदी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संघीय गैर-भेदभाव कानूनों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
विभाग के अनुसार, सभी 60 विश्वविद्यालयों की सिविल राइट्स एक्ट उल्लंघनों के तहत जांच की जा रही है। अमेरिकी सिविल राइट्स एक्ट, 1964 का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो नस्ल, रंग या राष्ट्रीय मूल के आधार पर किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव को रोकता है।
शिक्षा विभाग की नई सचिव लिंडा मैकमोहन ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने कैंपस को सुरक्षित बनाने के लिए बेहतर प्रयास करने होंगे।
ट्रंप प्रशासन का कड़ा रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी सरकार सेमेटिक विरोधी विचारधारा और आतंकवाद-समर्थक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक प्रो-फिलिस्तीनी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी की सराहना करते हुए कहा कि यह "पहली गिरफ्तारी है, और आगे और भी होंगी।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें पता है कि कोलंबिया और अन्य विश्वविद्यालयों में ऐसे कई छात्र हैं, जो अमेरिका-विरोधी और यहूदी-विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।"