वॉशिंगटन: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस क्षेत्र में एक निर्देशित मिसाइल पनडुब्बी को तैनात किया है। यही नहीं अमेरिका ने ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ विमानवाहक पोत ‘स्ट्राइक ग्रुप’ को भी और तेजी से आगे बढ़ने का निर्देश दिया है।
अमेरिका ने यह कदम इजराइल की रक्षा के लिए उठाया है जिसे हाल में ईरान ने सबक सिखाने की धमकी दी है।
दरअसल, हाल में वरिष्ठ हिज़्बुल्लाह और हमास के नेताओं की हत्याएं हुई है जिससे पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है। इन हत्याओं के पीछे इजराइल और अमेरिका को आरोपी ठहराया जा रहा है जिसने इन आरोपों का अभी तक खंडन नहीं किया है।
ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इसके बदले में ईरान और हिजबुल्ला द्वारा इजराइल पर हमला किया जा सकता है और इसकी तैयारी की जा रही है। इस तनावपूर्ण स्थिति में अपनी सहयोगी इजराइल की मदद के लिए अमेरिका द्वारा यह महत्वपूर्ण सैन्य कदम उठाया गया हैं।
अमेरिका ने क्या कहा है
रविवार को जारी किए गए एक बयान में पेंटागन ने कहा है कि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने यूएसएस जॉर्जिया निर्देशित मिसाइल पनडुब्बी को इस क्षेत्र में भेजे जाने का आदेश दे दिया है।
अमेरिकी सैन्य सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी पहले से ही जुलाई से भूमध्य सागर में तैनात थी जिसे अब मध्य पूर्व के समुद्री क्षेत्रों में इसकी तैनात की गई है।
आम तौर पर अमेरिका और अन्य देश अपनी पनडुब्बियों की लोकेशन की जानकारी गुप्त रखते हैं। ऐसे में अमेरिका द्वारा अपने इस पनडुब्बी की जानकारी को सार्वजनिक करने के पीछे कोई विशेष कारण हो सकता है।
यह भी हो सकता है कि अमेरिका इन जानकारी साझा कर क्षेत्र के अन्य देशों या समूहों को अपनी ताकत के लिए एक संदेश भेजना चाहता हो।
अपने इजराइली समकक्ष के साथ बातचीत के बाद, लॉयड ऑस्टिन ने एफ-35सी लड़ाकू जेट ले जा रहे ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ विमानवाहक पोत को भी अपनी गति बढ़ाकर इन क्षेत्रों में जल्द से जल्द पहुंचने का निर्देश दिया है।
इस क्षेत्र में पहले से मौजूद ‘यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट’ विमानवाहक ‘स्ट्राइक ग्रुप’ की जगह लेने के लिए इस शिप को वहां भेजा जा रहा है। एक बयान में लॉयड ऑस्टिन ने इस बात पर जोर दिया है कि क्षेत्र में इस तरह की सैन्य कार्रवाइयों का उद्देश्य ईरान और हिजबुल्लाह के हमलों के जवाब देना है।
अमेरिका के कदम पर एक्सपर्ट ने क्या कहा
कतर में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मेहरान कामरावा ने बताया है कि जिस तरीके से अमेरिका ने अपनी पनडुब्बी की तैनाती की जानकारी को सार्वजनिक की है इससे बहुत कुछ साफ होता दिख रहा है।
प्रोफेसर ने इशारा किया है कि इसकी तैनाती ईरान और हिजबुल्लाह को जवाब देने के लिए किया गया है। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि ऐसा हो सकता है कि ईरान किसी किस्म की कार्रवाई करने की तैयारी में है जिसके जवाब में अमेरिका ने यह कदम उठाया है।
शायद तभी उसे इसकी जानकारी को सार्वजनिक करने की आवश्यकता महसूस हुई है।
ईरान पर रखी जा रहा है कड़ी नजर
वरिष्ठ हिज़्बुल्लाह और हमास नेताओं की हत्याओं के बाद ईरान पर किसी भी संभावित प्रतिशोध के लिए उस पर कड़ी नजर रखी जा रही है। केवल ईरान पर ही नहीं बल्कि हिजबुल्लाह और ईरान समर्थित अन्य आतंकवादी ग्रुप पर भी नजर रखी जा रही है।
दो नेताओं की हत्याओं के बाद बढ़ा है तनाव
इससे पहले 31 जुलाई को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बेरूत में हिजबुल्ला के प्रमुख कमांडर फौद शुकर की भी हत्या कर दी गई थी।
इन हत्याओं के बाद पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया था और एक दूसरे युद्ध के शुरू होने की आशंका जताने जाने लगी है। ईरान ने इस्माइल हनिया की मौत का जिम्मेदार अमेरिका और इजराइल को ठहराया है और इसका बदला लेने की भी बात कही है।
उधर लेबनान में ईरान समर्थित मिलिटेंट हिजबुल्लाह के नेता की हत्या के बाद इसकी भी आंशका जताई जा रही है कि वह भी इजराइल पर हमला कर सकता है।
क्षेत्र में फ्लाइट सेवाएं हुई बंद
हालात को देखते हुए इन क्षेत्रों को कवर करने वाले एयरलाइन कंपनियों ने अपनी फ्लाइटों की सेवाओं को बंद कर दिया है। लुफ्थांसा, स्विस एयर और एयर फ्रांस जैसी एयरलाइनों ने कथित तौर पर अपने सेवाओं को इन क्षेत्रों में रोक दिया है।
हिजबुल्ला ने इजराइली सैन्य अड्डे पर दागे रॉकेट
हिजबुल्ला ने सोमवार को उत्तरी इजराइल में एक सैन्य अड्डे पर कत्युशा रॉकेटों से हमला किया है। यह पिछले दिनों दक्षिणी लेबनान के गांवों पर इजराइली हमलों का जवाब बताया गया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने हिजबुल्ला मीडिया के हवाले से बताया कि रॉकेटों ने उत्तरी इजराइल के गाटन शहर में इजरायली रक्षा बलों के 146वें डिवीजन के नए मुख्यालय को निशाना बनाया।
हिजबुल्लाह ने दागे 30 रॉकेट
आईडीएफ ने पुष्टि की कि हिजबुल्लाह ने सोमवार को लेबनान से पश्चिमी गैलिली में लगभग 30 रॉकेट दागे। इनमें से कई किबुत्ज काबरी के पास खुले इलाकों में गिरे। किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
इजराइली हमले में 11 लोग हुए हैं घायल
लेबनान के सैन्य सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि रविवार देर रात दक्षिणी लेबनान के मारौब गांव पर इजराइली हवाई हमले में 12 नागरिक घायल हो गए और कई घर नष्ट हो गए।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने घायलों की पुष्टि की है। घायलों में 11 सीरियाई और एक लेबनानी शामिल हैं। इनमें से एक महिला और पांच माह की एक बच्ची की हालत गंभीर है।
30 जुलाई को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर इजराइल के हमले के बाद लेबनान में तनाव बना हुआ है। हमले में वरिष्ठ हिजबुल्ला सैन्य कमांडर फौद शोकोर और सात अन्य मारे गए थे। हिजबुल्ला के महासचिव हसन नसरल्लाह ने इजराइली हमले का उचित जवाब देने का संकल्प जताया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ