अमेरिका: संजीबन चौधरी को नेवी यंग इंवेस्टिगेटर अवॉर्ड, रोबोटिक्स और AI क्षेत्र में काम के लिए सम्मान

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America Sanjiban Choudhury gets Navy Young Investigator Award

संजीबन चौधरी/ फोटो- क्रेडिट-sanjibanc.github.io

न्यूयॉर्क: अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय (Cornell University) में कंप्यूटर विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर संजीबन चौधरी को यंग इन्वेस्टिगेटर प्रोग्राम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड अमेरिकी नौसेना अनुसंधान कार्यालय (ओएनआर) की ओर से दिया गया है।

यह अवॉर्ड तीन साल में दिया जाता है। इसके तहत 750,000 डॉलर (करीब साढ़े छह करोड़ भातीय रुपये) का अनुदान दिया जाता है। भारत के संजीबन चौधरी को रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्यों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

रोबोट और AI से जुड़े काम के लिए सम्मान

संजीबन कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के एन एस. बोवर्स कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग एंड इंफॉर्मेशन साइंस में पीपल एंड रोबोट टीचिंग एंड लर्निंग (PoRTaL) ग्रुप का नेतृत्व कर रहे हैं। संजीबन चौधरी का शोध रोबोट से जहाजों के इंजन की मरम्मत सहित कई जटिल और मल्टीपल टास्क कराने में सक्षम बनाने को लेकर है।

इस शोध में रोबोट द्वारा सूचनाओं और इंसानी निर्देशों वाले वीडियो को समझने और स्वतंत्र रूप से उस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिए गए काम को करने में उसे सक्षम बनाने की कोशिश शामिल है।

ओएनआर अवॉर्ड 230 से अधिक आवेदकों में से चुने गए 24 पहले-करियर STEM शोधकर्ताओं (science, Technology, Engineering, Mathematics) को सपोर्ट करता है। चौधरी का काम ह्यूमन इंटरेक्शन विद ऑटोनॉमस सिस्टम प्रोग्राम से मिलता-जुलता है, जो ऐसे रोबोट विकसित करने की अमेरिकी नौसेना की पहल है जो प्रभावी रूप से इंसानी टीम के साथी के रूप में कार्य कर सके।

इस अवरॉर्ड से मिली फंडिंग दो स्नातक छात्रों को मदद प्रदान करेगी। साथ ही इससे PoRTaL लैब में उन्नत रोबोटिक उपकरणों को शामिल किया जा सकेगा। इसके अलावा इससे चौधरी की टीम को अपने रिसर्च को आगे बढ़ाने में और मदद मिलेगी। इसके सभी परिणाम भी ओपन-सोर्स संसाधनों के रूप में साझा किए जाएंगे।

IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री

वेबसाइट न्यूइंडियाअब्रोड के अनुसार चौधरी ने कहा, 'रोबोट आज जो कर सकते हैं, उससे आगे यह एक बहुत बड़ा बदलाव है।' चौधरी ने कहा कि उनके समूह को प्रारंभिक रिसर्च में मानव वीडियो को रोबोट को कार्यों के तौर पर समझाने में कुछ सफलता मिली है, और वह इस नींव पर आगे निर्माण करने के लिए उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा, 'मैं एक पूरी तरह से नया कार्य लेने और उसे सिस्टम को सौंपने और यह देखने के लिए उत्साहित हूं कि यह क्या कर सकता है।'

संजीबन चौधरी ने आईआईटी- खड़गपुर से बीटेक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने एमएस और पीएचडी की डिग्री अमेरिका के कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय (Carnegie Mellon University) से हासिल की।

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