नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत की तीन प्रमुख संस्थाओं को अपनी 'एंटिटी लिस्ट' (Entity List) से हटा दिया है, जिससे इन संस्थाओं पर अमेरिकी कंपनियों द्वारा विशिष्ट सामानों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध समाप्त हो गए हैं। यह निर्णय भारत-अमेरिका के बीच उन्नत ऊर्जा सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
अमेरिका ने जिन तीन भारतीय संस्थाओं को अपनी प्रतिबंध सूची से हटाया है, वे हैं:
- इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR)
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)
- इंडियन रेयर अर्थ्स (IRE)
ये संस्थाएँ पहले अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के अधीन थीं, जो खासतौर पर परमाणु सामग्री और तकनीकी वस्त्रों के निर्यात पर लागू होते थे।
अमेरिका-भारत सहयोग को मिलेगा प्रोत्साहन
अमेरिकी उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने कहा कि इन संस्थाओं को सूची से हटाने से अमेरिका और भारत के बीच उन्नत ऊर्जा सहयोग, संयुक्त अनुसंधान और विकास कार्यों में बाधाएं कम होंगी। इसके माध्यम से दोनों देशों के साझा ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को बढ़ावा मिलेगा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को मजबूती मिलेगी।
भारत और अमेरिका के साझा लक्ष्यों को बढ़ावा
BIS ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत दोनों शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुआ है, जिससे दोनों देशों और उनके साझीदार देशों को फायदा हुआ है।
अमेरिका-भारत संबंधों में नई दिशा
वाणिज्य विभाग के प्रधान उप सहायक सचिव मैथ्यू बोरमैन ने इस कदम को अमेरिका-भारत साझेदारी की समग्र महत्वाकांक्षा और रणनीतिक दिशा के साथ संरेखित बताया। उन्होंने कहा कि इससे खनिजों और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद हुआ था प्रतिबंध
अमेरिका ने मई 1998 में भारत के परमाणु परीक्षणों के बाद इन और अन्य भारतीय संगठनों को प्रतिबंध सूची में शामिल किया था। राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान 2015 में नौ भारतीय संगठनों को इस सूची से हटा दिया गया था। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के चार उपसंस्थाएँ, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की कुछ इकाइयाँ भी पहले इस सूची में थीं।
नया कदम: चीन पर बढ़ते प्रतिबंध
इसके साथ ही, BIS ने चीन से जुड़े 11 संगठनों को भी प्रतिबंध सूची में शामिल करने की घोषणा की है। यह कदम चीन के सैन्य आधुनिकीकरण के तहत उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के कारण उठाया गया है।
अमेरिका द्वारा इन तीन प्रमुख भारतीय संस्थाओं को परमाणु प्रतिबंध सूची से हटाना, भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग और साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह सहयोग दोनों देशों के लिए आर्थिक, वैज्ञानिक और सुरक्षा के दृष्टिकोण से लाभकारी साबित हो सकता है।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)