अमेरिका में ‘हैंड्स ऑफ’ आंदोलन, 50 राज्यों में ट्रंप और मस्क के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों लोग

इन प्रदर्शनों में नागरिक अधिकार संगठनों, मजदूर यूनियनों, LGBTQ+ समुदाय, पूर्व सैनिकों और चुनाव सुधार कार्यकर्ताओं समेत 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया।

hands off protest in amrica, America, DONALD  Trump, Elon Musk, Washington, new york, heavy protest stages all around united states of america, अमेरिका में हैंड्स ऑफ प्रोटेस्ट, डोनाल्ड ट्रंप, एलन मस्क के खिलाफ सड़कों पर हजारों लोग,

Photograph: (X/@MarcoFoster_)

वॉशिंगटनः अमेरिका में शनिवार को हजारों लोगों ने 'हैंड्स ऑफ' नामक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी सहयोगी एलन मस्क की नीतियों के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली।

‘हैंड्स ऑफ’ नामक इन विरोध प्रदर्शनों ने अब तक का सबसे बड़ा रूप ले लिया, जो देश भर के 50 राज्यों में 1,200 से अधिक स्थानों पर आयोजित किए गए। यह प्रदर्शन न केवल अमेरिका तक सीमित रहे, बल्कि लंदन, बर्लिन और अन्य यूरोपीय शहरों में भी लोगों ने ट्रंप के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।

इन प्रदर्शनों में नागरिक अधिकार संगठनों, मजदूर यूनियनों, LGBTQ+ समुदाय, पूर्व सैनिकों और चुनाव सुधार कार्यकर्ताओं समेत 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया। विरोध प्रदर्शनों में लोगों ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों के तहत सरकारी विभागों में कटौती, प्रवासियों पर सख्ती, स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई।

सीएटल में प्रदर्शनकारियों ने “Fight the Oligarchy” जैसे नारों वाले पोस्टर लहराए, तो वहीं बोस्टन कॉमन पर लोग “Hands off our democracy” और “Hands off our Social Security” जैसे स्लोगन के साथ सड़कों पर उतरे। वाशिंगटन डीसी में नेशनल मॉल पर मानवाधिकार अभियान की अध्यक्ष केली रॉबिन्सन ने कहा, “हमारे खिलाफ ये हमले सिर्फ राजनीतिक नहीं, व्यक्तिगत भी हैं- हमारे परिवार, हमारे शिक्षक, हमारे डॉक्टर और हमारे जीवन पर सीधा हमला है।”

वॉशिंगटन डीसी में मैरीलैंड से डेमोक्रेटिक सांसद जेमी रास्किन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “कनाडा से हाथ हटाओ, वो एक स्वतंत्र देश है। पनामा से हाथ हटाओ, वो भी स्वतंत्र देश है। और वॉशिंगटन डीसी को पूर्ण राज्य का दर्जा दो!”

उन्होंने आगे कहा, “हमें इस बात का अधिकार है कि हम सही के लिए विरोध करें, बिना गिरफ्तारी, बर्खास्तगी या निर्वासन के डर के। हमें वो किताबें पढ़ने का भी अधिकार है जो हम चाहते हैं, चाहे वह ‘1984’ हो या ‘द हैंडमेड्स टेल’। और हाँ, हमें राष्ट्रपति को 'सनकी' कहने का अधिकार भी है, क्योंकि उन्होंने हमारी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया, 6 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति मिटा दी और हमारे 4 लाख के फंड को 2 लाख बना डाला।”

प्रदर्शनकारियों के निशाने पर एलन मस्क

प्रदर्शनकारियों के निशाने पर अरबपति कारोबारी एलन मस्क भी हैं। मस्क राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार हैं और हाल ही में बने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के प्रमुख हैं। उन पर आरोप है कि वह टैक्सपेयर्स का पैसा बचाने के नाम पर सरकारी एजेंसियों की कटौती कर रहे हैं और कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

प्रदर्शन में  “मैंने एलन मस्क को नहीं चुना”, और “लोकतंत्र से हाथ हटाओ” जैसे तीखे नारों वाले पोस्टर लहराए गए। एक प्रदर्शनकारी ने पोस्टर में लिखा था- “Elon, don’t be a DOGE BAG”। ट्रंप और मस्क को जाना होगा जैसे नारे भी गूंजते रहे।

लंदन की एक रैली में ब्रिटिश-अमेरिकी नागरिक लिज चेम्बरलिन ने कहा, “अमेरिका में जो हो रहा है, वह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। ये आर्थिक मूर्खता है और हमें वैश्विक मंदी की ओर धकेलेगा।” वहीं बर्लिन में 70 वर्षीय सुजैन फेस्ट ने ट्रंप को “संवैधानिक संकट का जनक” और “सनकी” करार दिया।

बोस्टन की मेयर मिशेल वू ने कहा, “मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे उस दुनिया में बड़े हों जहां प्रवासियों को अपराधी समझा जाए और विविधता तथा समानता जैसे मूल्यों पर हमला हो।”

ओहायो से आए 66 वर्षीय रॉजर ब्रूम, जो पहले रीगन रिपब्लिकन माने जाते थे, ने कहा, “ट्रंप इस देश को बांट रहे हैं। यह प्रशासन सिर्फ शिकायती एजेंडे पर चल रहा है।”

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

इन प्रदर्शनों के जवाब में व्हाइट हाउस ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट हैं- वे सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेयर और मेडिकेड को पात्र नागरिकों के लिए हमेशा संरक्षित रखेंगे। वहीं डेमोक्रेट्स अवैध प्रवासियों को इन योजनाओं का लाभ देकर इन कार्यक्रमों को दिवालिया करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।”

बता दें 'हैंड्स ऑफ!' रैली अमेरिका में ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद पहला सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बन गई है। यह 2017 के महिला मार्च और 2020 के ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलनों के बाद सबसे प्रभावशाली और संगठित विरोध आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है।

 

 

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article