नई दिल्लीः अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध (Trade War) में नरमी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। दोनों देशों ने सोमवार एक दूसरे देशों से आने वाले सामानों पर 90 दिनों के लिए टैरिफ पर रोक का ऐलान किया है।
यह घोषणा दोनों देशों के बीच स्विट्जरलैंड के जेनेवा में चली बैठक के बाद की गई है। अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाए जाने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय वार्ता है।
जारी किया संयुक्त बयान
इस बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, समझौते तहत अमेरिका चीनी सामानों पर शुल्क 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करेगा वहीं चीन अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने पर विचार कर रहा है।
इसके अलावा दोनों पक्षों ने आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के बारे में चर्चा करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर भी सहमति जाहिर की है। इसका नेतृत्व चीन के उप प्रधानमंत्री ही लिफेंग और अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर करेंगे।
टैरिफ में कटौती के बाद दोनों देशों में जारी तनाव कुछ हद तक कम हो सकता है। दोनों देशों के बीच जारी ट्रेड वार से वैश्विक देश चिंता में थे और बाजार में हलचल देखी जा रही थी। ऐसे में वैश्विक मंदी की आशंकाएं बढ़ने लगी थीं।
फेंटेनाइल के प्रवाह पर जताई चिंता
टैरिफ चर्चाओं के अलावा अमेरिकी अधिकारियों ने चीन से फेंटेनाइल नामक अत्यधिक नशीले पदार्थों के प्रवाह के बारे में भी चिंता व्यक्त की। वहीं, बेसेन्ट ने कहा, "चीनी लोग संयुक्त राज्य अमेरिका में फेंटेनाइल संकट की भयावहता को समझते हैं।"
फेंटेनाइल तस्करी पर बीजिंग की निष्क्रियता को लेकर अमेरिका ने चीन पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया था जो कि अभी भी लागू है।
वैसे डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को सभी देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया था। हालांकि, अधिकतर देशों पर कुछ ही दिनों बाद 90 दिनों का विराम लगाया गया था लेकिन चीन इसमें शामिल नहीं था और दोनों देशों के बीच टैरिफ युद्ध बढ़ गया।