वाशिंगटनः अमेरिका में रहकर काम करने वाले लोगों के लिए अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा विभाग H-1B वीजा की व्यवस्था करता है। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं यानी यूएससीआईएस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 के लिए H-1B वीजा प्राप्त करने वाली कंपनियों में टेक जायंट अमेजन सबसे ऊपर है। इसके साथ ही कॉगनिजैंट और अन्य अमेरिकी कंपनियां इस लिस्ट में ऊपर हैं।
विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मु्ताबिक, इन कंपनियों ने सामूहिक रूप से हजारों की संख्या में एच-1बी वीजा प्राप्त किए हैं। इससे नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए कुशल विदेशी श्रमिकों पर उनकी निर्भरता रेखांकित हुई।
अमेजन है पहले स्थान पर
अमेजन इस लिस्ट में 9,265 वीजा प्राप्त कर पहले स्थान पर रही। कॉग्निजैंट 6,321 वीजा के साथ दूसरे स्थान पर रही। इसके बाद गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल का नंबर आता है।
वहीं, भारतीय कंपनियों में इंफोसिस ने सर्वाधिक एच-1बी वीजा प्राप्त किए हैं। कंपनी को 8,140 वीजा प्राप्त हुए हैं। इसके बाद टीसीएस का नंबर आता है। टीसीएस को 5,274 वीजा अप्रूव हुए हैं। इसी तरह एचसीएल को 2,953, विप्रो को 1,634 और टेक महिंद्रा को 1,199 वीजा प्राप्त हुए हैं।
ये कंपनियां प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास में विशिष्ट भूमिकाओं के लिए पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए एच-1 बी वीजा का लाभ उठाती हैं।
क्या है एच-1बी वीजा कार्यक्रम?
एच-1बी वीजा गैर-आप्रवासी वीजा है जो कुशल पेशेवरों को अमेरिका में काम करने के लिए दिया जाता है। इसके लिए नियोक्ता कंपनियां उम्मीदवारों के लिए इसका आवेदन करती हैं। इसमें आवेदन करने के लिए डिग्री की आवश्यकता होती है या फिर इसके समकक्ष काम के अनुभव वाले लोग भी आवेदन कर सकते हैं। जिन लोगों को यह वीजा प्राप्त हो जाता है, उन्हें अमेरिका में रहकर काम करने की अनुमति होती है।