यरुशलम: इजराइल के गोलान हाइट्स में शनिवार को हुए हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई है और करीब 30 लोग घायल हुए हैं। इस हमले के बाद इजराइल ने हिजबुल्लाह समेत पूरी दुनिया को कड़ी चेतावनी दी है।

इजराइल का कहना है कि यह हमला ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह द्वारा किया गया है और कहा है कि हिजबुल्लाह को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

वहीं हिजबुल्लाह ने इस तरह के किसी भी हमले से इनकार किया है। कड़ी चेतावनी देते हुए इजराइल ने कहा है कि दुनिया के पास मध्य पूर्व में बड़े पैमाने पर युद्ध को रोकने का यह एक आखिरी मौका है।

इजराइल के साथ अमेरिका का भी यही कहना है कि यह हमला हिजबुल्लाह ने ही किया है। हमले पर बोलते हुए इजराइल के नेताओं ने हिजबुल्लाह के समर्थन करने वाले ईरान पर कड़े प्रतिबंध भी लगाने की मांग की है।

क्या है पूरा मामला

शनिवार को इजराइल के मजदल शम्स में एक फुटबॉल मैदान में एक रॉकेट गिरा था जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई है। इजराइल का दावा है कि यह रॉकेट हिजबुल्लाह ने दागा है। उसका कहना है इस तरह के रॉकेट केवल हिजबुल्लाह के पास ही है।

अमेरिका ने भी इजराइल के दावों को सही बताया है और कहा है कि हमले में हिजबुल्लाह की संभावित भागीदारी का संकेत मिलता है।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित कई इजराइली नेताओं ने हमले को गंभीर उकसावे वाला हमला बताया है और इसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई भी करने की बात कही है।

नेतन्याहू ने पीड़ितों के परिवारों और ड्रुज़ समुदाय के प्रति संवेदना व्यक्त की और वादा किया कि इस हमले के लिए हिजबुल्लाह को अभूतपूर्व परिणाम भुगतने होंगे। हमले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इजराइल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना भी बनाया है।

ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने की इजराइल ने की है मांग

हमले पर बोलते हुए इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इजराइल और हिजबुल्लाह जैसे अन्य ग्रुप के बीच चल रहे मौजूदा संघर्ष को हल करने और एक बड़े पैमाने पर होने वाले युद्ध को रोकने के लिए अभी भी एक राजनयिक अवसर मौजूद है।

इजराइल ने वैश्विक समुदाय से ईरान और उसके प्रतिनिधियों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया है। यही नहीं इजराइल ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने और हिजबुल्लाह को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने की भी मांग की है।

क्या है सुरक्षा परिषद संकल्प 1701

गोलान हाइट्स में हुए हमले के बाद इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को लागू करने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा यह एक प्रस्ताव है जो 2006 में लागू किया गया था जिसके बाद इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहा युद्ध समाप्त हो गया था।

यूएन के इस समझौते के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस प्रस्ताव में चिह्नित इजराइल और लेबनान सीमा के 'ब्लू लाइन' से इजराइल पीछे हट गया था। लेकिन हिजबुल्लाह ने इस प्रस्ताव को लागू नहीं किया था और क्षेत्र में अपने सभी हथियार और सैन्य सुविधाएं बरकरार रखा था।

अब शनिवार के हमले के बाद इजराइल ने फिर से इस प्रस्ताव को लागू करने की बात कही है। बता दें कि पिछले साल शुरू हुए इजराइल और हमास युद्ध के कारण इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच भी लगातार झड़पे की खबर आती रही हैं। इजराइल के लिए एक तरफ हमास तो दूसरी ओर हिजबुल्लाह से लगातार खतरा बना हुआ है।

बता दें कि इजरायल ने अपनी पहली बस्ती वेस्ट बैंक में नहीं, बल्कि गोलन हाइट्स में ही बनाई थी। इसने 1980 में औपचारिक रूप से गोलन हाइट्स पर कब्ज़ा किया था, जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसकी निंदा की थी।