अफगानिस्तान में महिलाओं पर और सख्त हुआ तालिबान शासन, चेहरा ढकना जरूरी, गाना गाने पर भी लगा बैन

अनुच्छेद 19 में भी महिलाओं को लेकर इस तरीके के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके तहत किसी के संगीत बजाने पर, अकेली किसी महिला की यात्रा करने पर और असंबंधित पुरुषों और महिलाओं के मेलजोल पर भी बैन लगा दिया गया है।

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Afghanistan women are now required to cover their faces singing is also banned under new taliban rules

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

काबूल: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं के लिए नए फरमान जारी किए गए हैं। देश में सदाचार के प्रचार और बुराई की रोकथाम के लिए तालिबान के मंत्रालय द्वारा नए कानून पेश किए गए हैं।

नए कानून में महिलाओं के अधिकार को और भी सीमित किया गया है और उनकी सार्वजनिक स्थानों पर मौजूदगी को कम करने की कोशिश की गई है। तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा की मंजूरी के बाद इस कानून को बुधवार को सार्वजनिक कर दिया गया है।

साल 2021 से अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद तालिबान ने "सदाचार के प्रचार और बुराई की रोकथाम" के लिए एक मंत्रालय की स्थापना की थी। सत्ता संभालने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब तालिबान ने कोई कानून बनाया है और उसे सार्वजनिक किया है।

तालिबान के मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक किए गए नियम में संगीत, शेविंग और समारोह जैसे रोजमर्रा की जिंदगी के लिए भी कानून बनाए गए हैं।

क्या नए कानून किए गए हैं लागू

तालिबान के मंत्रालय द्वारा हाल ही में 114 पन्नों के दस्तावेज वाले 35 अनुच्छेद को जारी किया गया है। इन अनुच्छेद में बुरे और अच्छे गुणों के आधार पर कानून बनाए गए हैं। इन कानूनों में अनुच्छेद 13 में महिलाओं के लिए सख्त कानून लागू किए गए हैं।

इसके तहत महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपने शरीर को ढ़क कर रखने के फरमान जारी किए हैं। यही नहीं वे पुरुषों को लुभाए नहीं इसलिए महिलाओं को उनके चेहरे को भी ढकना जरूरी कर दिया गया है।

महिलाओं पर लगाए गए ज्यादा नियम

अनुच्छेद 13 में महिलाओं को पतले, तंग और छोटे कपड़े भी पहनने को मना किया गया है। उन्हें गैर-मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं की मौजूदगी में खुद को ढक कर रखने को कहा गया है।

महिलाओं के सार्वजनिक रूप से गाना गाने, गाना सुनने और जोर से किसी चीज के पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। महिलाएं को उन पुरुषों को भी नहीं देख सकती हैं जो उनके संबंधी या फिर अपने नहीं है।

क्या कहते हैं अनुच्छेद 17 और 19

तालिबान के अनुच्छेद 17 के अनुसार, जीवित प्राणियों की फोटो को प्रकाशित करने पर बैन लगा दिया गया है। यह बैन पहले से कमजोर अफगानिस्तान की मीडिया के लिए खतरे की घंटी भी हो सकती है क्योंकि बिना फोटो और वीडियो के मीडिया का चलना संभव नहीं है।

अनुच्छेद 19 में भी महिलाओं को लेकर इस तरीके के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके तहत किसी के संगीत बजाने पर, अकेली किसी महिला की यात्रा करने पर और असंबंधित पुरुषों और महिलाओं के मेलजोल पर भी बैन लगा दिया गया है। तालिबान के कानून में यात्री और ड्राइवर को समय होने पर नमाज भी अदा करने का नियम बनाया गया है।

क्या होगा कानून तोड़ने पर

बुधवार को इन कानूनों को सार्वजनिक करने के बाद तालिबान अब इसे सख्ती से लागू करने में लगा है। ऐसे में इन कानून को तोड़ने वालों को सजा भी सुनाई जाएगी। हालांकि इन कानूनों को तोड़ने पर पहले ही उन्हें सजा नहीं दी जाएगी बल्कि पहले उन्हें चेतावनी दी जाएगी।

चेतावनी के बाद भी अगर कोई नागरिक इन कानूनों को फिर से तोड़ता है तो उसे सजा भी दी जाएगी। हालांकि तालिबान के इन कानूनों का मानवाधिकार संगठनों द्वारा व्यापक रूप से निंदा भी की गई है।

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