पाकिस्तान: इमरान खान के समर्थकों की रैली में 7 लोगों की मौत, सेना को 'देखते ही गोली मारने' के आदेश

इससे पहले पीटीआई समर्थकों को संबोधित करते हुए बुशरा बीबी ने कहा था, हम आगे बढ़ते रहेंगे और इमरान खान के बिना वापस नहीं जाएंगे। जब तक इमरान खान रिहा नहीं हो जाते, हम विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे।

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7 killed in Pakistan protest organized in support of Imran Khan pti party army given order to shoot at sight

पाकिस्तान: इमरान खान के समर्थकों की रैली में 7 लोगों की मौत, सेना को 'देखते ही गोली मारने' के आदेश (फोटो- IANS)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सरकार विरोधी 'फाइनल कॉल' विरोध प्रदर्शन के कारण अब तक सात लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक सुरक्षा कर्मी घायल हुए। मरने वालों में चार अर्धसैनिक कर्मी, दो पुलिस अधिकारी और एक प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं।

पीटीआई द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन मंगलवार को तेज हो गया, जिस कारण प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार को "देखते ही गोली मारने" के आदेश के साथ राजधानी में सेना की तैनाती करनी पड़ी।

रविवार को इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में विरोध मार्च का आयोजन किया गया था जो सोमवार तक इस्लामाबाद पहुंच गया था। सोमवार को पीटीआई समर्थक जब इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे थे उस समय सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हुई थी।

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया, लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने शहर में प्रवेश किया तो स्थिति और भी बिगड़ गई और हिंसा हुई।

पीटीआई समर्थक जेल में बंद इमरान खान की रिहाई की मांग करने के साथ एक विवादास्पद कानून को उलटने की मांग कर रहे हैं जो कथित तौर पर सरकार को न्यायिक मामलों पर नियंत्रण प्रदान करता है।

सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में प्रदर्शनकारियों को गैस मास्क और सुरक्षात्मक चश्मे से लैस, भारी मशीनरी के साथ शिपिंग कंटेनर जैसी बाधाओं को हटाते हुए देखा गया।

उधर पीटीआई ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया कि अधिकारी प्रदर्शनकारियों पर रसायनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे तनाव बढ़ रहा है।

पीटीआई के वरिष्ठ नेता कामरान बंगश ने कहा कि प्रदर्शनकारी आंसू गैस सहित भारी प्रतिरोध के बावजूद इस्लामाबाद पहुंचने के लिए दृढ़ हैं। बता दें कि इमरान खान अगस्त 2023 से पुलिस हिरासत में हैं और उन पर भ्रष्टाचार से लेकर हिंसा भड़काने के 150 से अधिक मामले दर्ज हैं।

आरोपियों के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई-शहबाज शरीफ

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने इस्लामाबाद में धारा 144 लागू कर कर सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। हिंसा को देखते हुए कुछ क्षेत्रों में स्कूलों और मोबाइल सेवाओं को बंद कर दिया।

शरीफ ने विरोध प्रदर्शन की निंदा की, इसे रक्तपात के अराजकतावादी प्रयास करार दिया और जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाने की बात कही।

आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने इमरान खान पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि इस्लामाबाद के संवेदनशील रेड जोन में प्रवेश करने का प्रयास करने वाले प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब के अनुसार, अशांति के कारण पाकिस्तान की नाजुक अर्थव्यवस्था को प्रतिदिन लगभग 4351 करोड़ रुपए (518 मिलियन डॉलर) का नुकसान होने का अनुमान है।

बुशरा बीवी और पीटीआई समर्थक क्या मांग कर रहे हैं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने 'फाइनल कॉल' रैली के जरिए सरकार से उनके साथ सभी अन्य कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। वे आठ फरवरी के आम चुनावों में कथित जनादेश की वापसी की भी मांग कर रहे हैं, जिसके बारे में पीटीआई का दावा है कि उसे चुराया गया था।

पीटीआई पिछले महीने 26वां संवैधानिक संशोधन को भी रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले पीटीआई समर्थकों को संबोधित करते हुए बुशरा बीबी ने सभी से आगे बढ़ने और इमरान खान की रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की।

बुशरा बीबी ने कहा, "हम आगे बढ़ते रहेंगे और इमरान खान के बिना वापस नहीं जाएंगे। जब तक इमरान खान रिहा नहीं हो जाते, हम विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे। भले ही मेरे साथ कोई भी खड़ा न हो, फिर भी मैं इमरान खान के बिना वापस नहीं जाऊंगी। मैं खैबर पख्तूनख्वा के पठानों से अपनी ताकत दिखाने की अपील करती हूं। मुझे यकीन है कि वे अपने सम्मान और गरिमा से समझौता नहीं करेंगे।"

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