इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के लोउर कुर्रम इलाके में पैसेंजर गाड़ियों के काफिले पर हुई गोलीबारी में कम से कम 50 लोगों की मौत हुई है और 20 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में आठ महिलाएं और पांच बच्चे भी शामिल हैं।
केपी में पिछले दो दिनों में यह दूसरा बड़ा आतंकी हमला है। हमला जहां हुआ है उस क्षेत्र में हाल के कुछ महीनों में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया है कि यह हमला हाल के वर्षों में सबसे घातक हमलों में से एक है। घात लगाकर किए गए हमले में पाराचिनार से पेशावर जा रहे एक काफिले को निशाना बनाया गया, जिसमें कथित तौर पर 200 से अधिक वाहन शामिल थे।
यह हमला तालिबान के प्रभाव वाले इलाके में हुआ है। इस हमले की अभी तक किसी भी आतंकी ग्रुप ने जिम्मेदारी नहीं ली है। बचाव कर्मियों ने बताया है कि मरने वालों में शिया मुसलमानों की संख्या ज्यादा है।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने घटना की कड़ी निंदा की और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के मीडिया सेल की ओर से एक्स पर की गई एक पोस्ट में उनके हवाले से कहा गया, “निर्दोष यात्रियों पर हमला करना कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य है।” उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
हमले की खैबर पख्तूनख्वा के सीएम ने निंदा की है
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन खान गंडापुर ने हमले की निंदा करते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
गंडापुर ने मुख्य सचिव, प्रांतीय कानून मंत्री और क्षेत्र के एमएनए और एमपीए के एक प्रतिनिधिमंडल को तत्काल कुर्रम का दौरा करने और वहां की स्थितियों का व्यक्तिगत रूप से आकलन करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
यही नहीं गंडापुर ने क्षेत्र में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक प्रांतीय राजमार्ग पुलिस इकाई के निर्माण का भी आदेश दिया है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, घटना का ब्यौरा देते हुए केपी सरकार के प्रवक्ता बैरिस्टर डॉ. सैफ ने बताया कि पहले पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था और फिर दोनों तरफ से यात्रियों के काफिले को निशाना बनाया गया है।
डॉ. सैफ ने कहा कि सूचना मिलने पर जिला प्रशासन, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि घटना की जांच जारी है।
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी घटना को लेकर जानकारी दी है। यह घटना बलूचिस्तान और केपी में आतंकवादी हमलों की संख्या में तेज बढ़ोतरी के बीच हुई है।
टीटीपी और सरकार के बीच एक समझौते को तोड़ने के बाद हमले बढ़े हैं
डॉन के अनुसार, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा साल 2022 में सरकार के साथ एक संघर्ष विराम समझौते को तोड़ने और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने का ऐलान करने के बाद हमले बढ़े हैं।
इससे पहले मंगलवार (19 नवंबर) को खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में एक बड़े हमले में 12 जवानों की मौत हो गई जबकि छह आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक बन्नू के माली खेल इलाके में एक चौकी को निशाना बनाकर यह हमला किया गया।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि मंगलवार को, ‘आतंकियों ने बन्नू जिले के मालीखेल क्षेत्र में एक संयुक्त चेक पोस्ट पर हमला करने का प्रयास किया।’ आईएसपीआर, पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की मीडिया और पब्लिक रिलेशन विंग है।
आईएसपीआर ने कहा कि हमले को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया गया, लेकिन एक आत्मघाती विस्फोट के कारण चेकपोस्ट की दीवार और आस-पास का बुनियादी ढांचा ढह गया।
इसके परिणामस्वरूप 10 सैनिक और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो जवान शहीद हो गए। आईएसपीआर ने कहा, “इसके बाद हुई गोलीबारी में छह आतंकियों को जहन्नुम भेजा गया।”
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ