बांग्लादेश में दो दिनों में तीन हिंदू मंदिरों पर हमले, 8 मूर्तियां तोड़ी गईं; एक गिरफ्तार

शुक्रवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि 2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं पर 2,200 हिंसा की घटनाएं दर्ज की गईं, खासकर शेख हसीना सरकार के पतन के बाद। वहीं, पाकिस्तान में भी इसी अवधि में 112 ऐसी घटनाएं सामने आईं।

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फोटोः एक्स (Voice of Bangladeshi Hindu)

ढाकाः बांग्लादेश के मयमनसिंह और दिनाजपुर जिलों में दो दिनों के भीतर तीन हिंदू मंदिरों की आठ मूर्तियों को असामाजिक तत्वों ने नुकसान पहुंचाया। इन हमलों ने न केवल धार्मिक सौहार्द को चोट पहुंचाई है, बल्कि अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटनाएं शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद से अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों की कड़ी का हिस्सा हैं।

द डेली स्टार के अनुसार, मयमनसिंह के हलुआघाट उपजिले में गुरुवार और शुक्रवार को दो मंदिरों में मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। शुक्रवार को शाकुआई यूनियन स्थित बंदरपारा मंदिर में दो मूर्तियां तोड़ी गईं। हलुआघाट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अबुल खायर ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी या मामला दर्ज नहीं हुआ है।

वहीं, गुरुवार को बीलडोरा यूनियन के पलाशकांडा काली मंदिर में एक मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में पुलिस ने 27 वर्षीय अलल उद्दीन को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया। उसे शुक्रवार को मयमनसिंह की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

दिनाजपुर में काली मंदिर पर हमला

दिनाजपुर के बिरगंज उपजिले के झरबाड़ी श्मशान काली मंदिर में मंगलवार को पांच मूर्तियों को तोड़ दिया गया। हालांकि, घटना गुरुवार को सामने आई। मंदिर समिति के अध्यक्ष जनार्दन रॉय ने कहा, "यहां पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई।" स्थानीय पुलिस अधिकारी अब्दुल गफूर ने बताया कि मामले की जांच जारी है।

इन घटनाओं से पहले 29 नवंबर को चटग्राम में तीन हिंदू मंदिरों पर नारेबाजी करते हुए भीड़ ने हमला किया था। इन हमलों के पीछे इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर भड़का आक्रोश बताया जा रहा है।

बांग्लादेश में निशाने पर हिंदू  

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने और 5 अगस्त को एक छात्र आंदोलन के बाद देश छोड़ने के बाद से अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं। हसीना सरकार के जाने के बाद बने अंतरिम प्रशासन के तहत धार्मिक और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं तेज हो गई हैं।

इन हमलों ने भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को और खराब कर दिया है। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ढाका में बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और कल्याण का मुद्दा उठाया।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर 2,200 हिंसा की घटनाएं

बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से अब तक अल्पसंख्यकों के खिलाफ 88 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि 2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं पर 2,200 हिंसा की घटनाएं दर्ज की गईं, खासकर शेख हसीना सरकार के पतन के बाद। वहीं, पाकिस्तान में भी इसी अवधि में 112 ऐसी घटनाएं सामने आईं।

राज्यसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, 2022 में बांग्लादेश में 47, 2023 में 302 और 2024 (8 दिसंबर तक) 2,200 घटनाएं दर्ज की गईं। पाकिस्तान में 2022 में 241, 2023 में 103 और 2024 (अक्टूबर तक) 112 घटनाएं दर्ज हुईं।विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित जवाब में बताया कि भारत ने इन घटनाओं को लेकर बांग्लादेश और पाकिस्तान सरकारों से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने कहा, "भारत ने बांग्लादेश से आग्रह किया है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करे।"

इसके अलावा, पाकिस्तान को भी धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमलों को रोकने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया गया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को बार-बार उजागर किया है। 9 दिसंबर, 2024 को बांग्लादेश दौरे के दौरान भारतीय विदेश सचिव ने भी इस मुद्दे को उठाया।

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