इस्कॉन के 2 और पुजारी बांग्लादेश में गिरफ्तार, चिन्मय दास को 'दवा' देने गए थे जेल

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि शुक्रवार को पुलिस ने दो और पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया है। दावा है कि ये लोग चिन्मय कृष्ण दास को दवा देने के लिए जेल गए थे।

एडिट
2 more priests of ISKCON arrested in Bangladesh, had gone to jail to give medicine to Chinmoy Krishna Das

इस्कॉन के दो और भिक्षु बांग्लादेश में गिरफ्तार, चिन्मय को दवा देने गए थे जेल (फोटो- ISKCON)

नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाए जाने के एक सप्ताह के भीतर उनके दो सहकर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। यह दावा इस्कॉन ने किया है।

चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ रैलियां आयोजित कर रहे थे। सोमवार को देशद्रोह के आरोप में उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद चटगांव की अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया।

अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि शुक्रवार को पुलिस ने दो और पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया है। दावा है कि ये लोग चिन्मय कृष्ण दास को दवा देने के लिए जेल गए थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।

राधारमण ने इसे गलत कदम बताया और बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। गिरफ्तार पुजारियों के नाम श्री आदि पुरुष श्याम दास और भक्त रंगनाथ दास ब्रह्मचारी प्रभु हैं। राधारमण ने सोशल मीडिया पर दोनों की एक तस्वीर साझा की और पूछा कि क्या वे "आतंकवादी जैसे दिखते हैं?"

बांग्लादेश के भैरव इस्कॉन केंद्र पर हुई तोड़फोड़

स्टोरी के मुताबिक, इसके साथ ही राधारमण ने यह भी बताया कि बांग्लादेश के भैरव में स्थित एक इस्कॉन केंद्र में तोड़फोड़ की गई है।

बांग्लादेश सम्मिलिता सनातन जागरण जोत, जिसके चिन्मय नेता हैं, ने शनिवार को बंगाली में एक बयान जारी किया, जिसमें लिखा था, "दवा देने गए पुजारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अन्य हिंदुओं को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। मानवाधिकार कहां हैं? अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा कहां है?"

इस्कॉन ने चिन्मय कृष्ण दास को लेकर क्या कहा है

खबर के अनुसार, इस्कॉन ने साफ किया कि चिन्मय कृष्ण दास उनके प्रतिनिधि नहीं हैं, लेकिन उसने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और उनके पूजा स्थलों की रक्षा के लिए उनके शांतिपूर्ण आह्वान का समर्थन किया। अधिकारियों के अनुसार, चिन्मय कृष्ण दास को इस्कॉन से सितंबर में निष्कासित किया गया था।

यह घटना बांग्लादेश में इस्कॉन पर बढ़ते दबाव के बीच हुई है, जहां एक याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, हालांकि न्यायालय ने इस पर कोई आदेश नहीं दिया।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article