नई दिल्ली: भाजपा के सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक चिट्ठी भी लिखी है। इसमें सीपी जोशी ने राहुल गांधी के पासपोर्ट को रद्द करने के तीन कारण भी बताए हैं।
चिट्ठी में जोशी ने क्या कहा है
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से भाजपा सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कहा, ”राहुल गांधी जैसे किसी व्यक्ति का नेता विपक्ष के पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है और उनकी गतिविधियों को देखकर स्पष्ट हो जाता है कि वे देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं। राहुल गांधी के बयानों को देश और दुनिया के इतिहास और वर्तमान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए, क्योंकि वे एक जिम्मेदार पद पर हैं और ऐसी पार्टी और परिवार से आते हैं, जिसने दशकों तक देश की सत्ता की बागडोर संभाली है।”
भाजपा नेता ने पासपोर्ट रद्द करने के गिनाए तीन कारण
जोशी ने कांग्रेस सांसद का पासपोर्ट रद्द करने के तीन कारण गिनाते हुए लिखा,”पहला – विदेश की धरती पर राहुल गांधी के दिए बयान किसी भी तरह से एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक के तौर पर सही नहीं हैं। दूसरा – राहुल गांधी के बयान राजनीतिक नहीं, बल्कि विशुद्ध तौर पर देश विरोधी गतिविधियों के दायरे में आते हैं, जो उनके आचरण को संदिग्ध बनाता है। तीसरा – राहुल गांधी के बयानों से देश की आंतरिक स्थिरता और सीमाओं की सुरक्षा के अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है क्योंकि वे नेता विपक्ष के पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।”
राहुल गांधी को बताया विदेशी ताकतों से प्रभावित
सीपी जोशी ने आगे लिखा, ”भारत के संदर्भ में विदेशी जमीन पर बयानबाजी के पहले नेता विपक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे कुछ बुनियादी तथ्यों को अपने ध्यान में रखें, लेकिन राहुल गांधी ने स्वार्थवश अथवा विदेशी ताकतों के प्रभाव में देशहित को ताक पर रख दिया, इसके कई उदाहरण उनकी पिछली अमेरिका यात्रा में देखने को मिले, जिनसे साबित होता है कि राहुल की मंशा देश में स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का है।”
उद्योगपतियों के खिलाफ बयानबाजी को लेकर कही यह बात
सिख समुदाय के बारे में बोलते हुए उन्होंने आगे लिखा, ”दशकों तक आतंकवाद की मार झेल चुके सिख समुदाय को लेकर ये बयान देना कि भारत में उन्हें पगड़ी समेत अपने दूसरे पवित्र पहचानों की छूट नहीं है, एक निकृष्टतम मिसाल है। जाहिर है वे कनाडा और अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादियों के एजेंडे को मजबूत करना चाहते हैं। बतौर नेता विपक्ष राहुल गांधी अपने देश के उद्योगपतियों के नाम लेकर उनके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। क्या पूरी दुनिया में कोई एक भी ऐसी मिसाल है, जब कोई पक्ष या विपक्ष का नेता दूसरे देश में जाकर अपने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ बयानबाजी करता दिखा, आखिर राहुल गांधी के इस बयान के पीछे क्या मंशा है?”
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)