Saturday, November 1, 2025
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ब्रिटेन के राजघराने में क्यों मचा है विवाद? किंग चार्ल्स ने छोटे भाई को किया बेदखल, क्या है पूरा मामला

किंग चार्ल्स का ये कदम ब्रिटेन के आधुनिक राजशाही के इतिहास में किसी पारिवारिक सदस्य के खिलाफ लिए गए सबसे कठोर फैसलों में से एक है। बकिंघम पैलेस ने बताया है कि एंड्रयू को लंदन के पश्चिम में विंडसर एस्टेट स्थित अपने रॉयल लॉज हवेली की लीज को छोड़ने के लिए औपचारिक नोटिस दे दिया गया है।

लंदन: ब्रिटेन का राजघराना एक बड़े विवाद के बाद सुर्खियों में है। ब्रिटेन के राजा चार्ल्स ने अपने छोटे भाई एंड्रयू से राजकुमार की उपाधि छीन ली है और उन्हें विंडसर स्थित उनके घर से बाहर निकालने का आदेश दिया है। बकिंघम पैलेस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पैलेस की ओर से बताया गया कि किंग चार्ल्स ने ये कदम एंड्रयू से शाही परिवार की दूरी बनाने के लिए किया जिनका नाम जेफरी एपस्टीन स्कैंडल में सामने आया है।

बेदखल किए गए 65 साल के एंड्रयू दरअसल चार्ल्स के छोटे भाई और दिवंगत महारानी एलिजाबेथ के दूसरे बेटे हैं। हाल के महीनों वे अपने व्यवहार और दिवंगत यौन अपराधी एपस्टीन के साथ संबंधों को लेकर चर्चा में रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्हें ड्यूक ऑफ यॉर्क की अपनी उपाधि का इस्तेमाल बंद करने के लिए मजबूर किया गया था।

चार्ल्स ने अब एंड्रयू के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और बढ़ाते हुए उनकी सभी उपाधियाँ छीन ली हैं।

बकिंघम पैलेस के बयान में कहा गया है कि एंड्रयू को लंदन के पश्चिम में विंडसर एस्टेट स्थित अपने रॉयल लॉज हवेली की लीज को छोड़ने के लिए औपचारिक नोटिस दे दिया गया है और वह पूर्वी इंग्लैंड के सैंड्रिंघम एस्टेट में वैकल्पिक निजी आवास में चले जाएँगे।

भाई के खिलाफ प्रिंस चार्ल्स का कठोर कदम

किंग चार्ल्स का ये कदम ब्रिटेन के आधुनिक राजशाही के इतिहास में किसी पारिवारिक सदस्य के खिलाफ लिए गए सबसे कठोर फैसलों में से एक है। किंग चार्ल्स के इस कदम से ब्रिटेन में काफी हलचल मच गई है। प्रिंस चार्ल्स फिलहाल अभी कैंसर का भी उपचार ले रहे हैं।

बकिंघम पैलेस ने बयान में कहा, ‘यह निंदा आवश्यक समझी जाती है, भले ही वह अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार करते रहे हों। महामहिम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी संवेदनाएं और गहरी सहानुभूति किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के पीड़ितों और बचे लोगों के साथ रही हैं और रहेंगी।’

एंड्रयू को कभी एक तेज-तर्रार नौसेना अधिकारी माना जाता था और उन्होंने 1980 के दशक की शुरुआत में अर्जेंटीना के साथ फॉकलैंड युद्ध के दौरान सेना में सेवा की थी।

हालांकि 2011 में उन्हें ब्रिटेन के व्यापार राजदूत की भूमिका से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद 2019 में उन्होंने सभी शाही कर्तव्यों को त्याग दिया और फिर 2022 में यौन दुराचार के आरोपों के बीच उनसे उनके सैन्य संबंध और शाही संरक्षण भी छीन लिए गए, जिनका उन्होंने हमेशा खंडन किया है।

उसी साल एंड्रियू के खिलाफ वर्जीनिया ज्यूफर (Virginia Giuffre) द्वारा दायर एक मुकदमे का निपटारा हुआ, जिनकी अप्रैल में मृत्यु हो गई थी। गिफ्रे ने इस मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि किशोरावस्था में उनका यौन शोषण एंड्रयू द्वारा किया गया था। एंड्रयू ने हमेशा इसका खंडन किया है।

महज 41 साल में मौत के बाद हाल में वर्जीनिया की आत्मकथा Nobody’s Girl: A Memoir of Surviving Abuse and Fighting for Justice रिलीज हुई है, जिसमें उन्होंने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का दर्द बयां किया है। अपनी पुस्तक में, उन्होंने कहा कि एंड्रयू का मानना ​​था कि उनके साथ यौन संबंध बनाना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।

वर्जीनिया ने बताया है कि कैसे प्रिंस एंड्रयू और एपस्टिन ने उनके साथ गंदा खेल खेला। इसी महीने की शुरुआत में एंड्रयू और एपस्टीन के बीच 2011 के पत्राचार से जुड़ी खबरें भी ‘मेल ऑन संडे’ और ‘द सन’ ने प्रकाशित की थी।

दो दशकों से किराया नहीं चुकाने का भी आरोप

एंड्रयू को विंडसर छोड़ने के लिए मजबूर करने का फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल में कुछ ब्रिटिश अखबारों ने रिपोर्ट छापी थी कि उन्होंने अपने 30 कमरों वाले घर का किराया दो दशकों से नहीं चुकाया है।

इसके अलावा शाही परिवार के कामकाज में एक दुर्लभ राजनीतिक हस्तक्षेप में, एक ब्रिटिश संसदीय समिति ने बुधवार को सवाल उठाया था कि क्या एंड्रयू को अब भी घर में रहना चाहिए।

सर्वेक्षणों से पता चलता है कि शाही परिवार वर्षों से युवा पीढ़ी का समर्थन खोता जा रहा है। इससे पहले 1936 में, एडवर्ड अष्टम को सिंहासन पर बैठने के एक साल बाद ही पद त्यागने के लिए मजबूर होना पड़ा था ताकि वह एक तलाकशुदा अमेरिकी महिला से शादी कर सकें। उन्होंने ड्यूक ऑफ विंडसर की उपाधि बाद में बरकरार रखी, लेकिन वे बड़े पैमाने पर ब्रिटेन से बाहर ही रहे।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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