चंडीगढ़: दुष्कर्म और हत्या जैसे संगीन जुर्म में सजायाफ्ता डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर से पैरोल मिली है। राम रहीम को इस बार मिली पैरोल के विरोध में कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में इस बात की आशंका जाहिर की है कि गुरमीत राम रहीम हरियाणा के चुनावी दंगल में मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है।
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि हरियाणा चुनाव के मद्देनजर राज्य में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू है, ऐसे में उसकी रिहाई से इसका उल्लंघन होगा। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि राम रहीम की पैरोल तुरंत रद्द की जाए।
बता दें कि 20 साल की सजा काट रहा राम रहीम रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। वह कल (बुधवार) जेल से बाहर आ सकता है। जेल से रिहा होने के बाद वह उत्तर प्रदेश के बागपत के बरवाना आश्रम में रहेगा।
कांग्रेस ने क्या आरोप लगाया है
कांग्रेस ने अपने पत्र में कहा है कि गुरमीत राम रहीम को ऐसे वक्त में पैरोल मिली है, जब हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में उसके फॉलोवर बड़ी संख्या में हैं।
सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र और हिसार जैसे हरियाणा के जिलों में डेरा सच्चा सौदा का अधिक प्रभाव माना जाता है और इन जिलों में करीब 35 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में कांग्रेस को इस बात का डर है और पार्टी इसकी प्रबल संभावना जता रही है कि वह राज्य की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
कांग्रेस और अन्य लोगों का तर्क है राम रहीम को बार बार पैरोल मिलना खासकर चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने का संकेत देता है।
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने पूर्व जेल अधिकारी सुनील सांगवान को दादरी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। यह वही सुनील सांगवान हैं जिन्होंने राम रहीम की कई पैरोलों को मंजूरी दी थी।
पत्रकार के बेटे ने क्या कहा है
केवल कांग्रेस ही नहीं बल्कि राम रहीम और अन्य द्वारा हत्या किए गए पत्रकार के बेटे ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की है।
पत्रकार के बेटे ने कहा है कि चुनाव के दौरान डीएसएस प्रमुख को रिहा करना उचित नहीं है। उसकी रिहाई राज्य की लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर सकता है और वोटों को प्रभावित करके निष्पक्ष चुनाव पर असर डाल सकता है।
पैरोल पर चुनाव आयोग ने क्या कहा है
चूंकी हरियाणा में आचार संहिता अभी लागू है, इसलिए इस तरह के किसी भी मामले को चुनाव आयोग के अधिकारी देखते हैं और उन्हें जवाब देना होता है। शनिवार को आयोग के अधिकारी ने प्रशासन से इसकी जानकारी मांगी थी कि आखिर किस बुनियाद पर राम रहीम को पैरोल पर रिहा किया जा रहा है।
राम रहीम के पैरोल को लेकर उठ रहे सवाल पर हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने सोमवार को स्थिति साफ कर दी है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में राज्य सरकार फैसला ले सकती है।
अधिकारी ने आगे कहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कार्यालय ने कुछ शर्तों पर राम रहीम की रिहाई की बात कही है लेकिन इस मामले में अंतिम फैसला सीएम ही ले सकते हैं।
इन शर्तों पर राम रहीम को मिली है पैरोल
बाबा राम रहीम को सशर्त पैरोल मिली है। पैरोल के दौरान वो ना ही किसी प्रकार की राजनीतिक सभा में शिरकत कर सकेगा और ना ही किसी नेता से मिलेगा। उसे दो टूक कह दिया गया है कि अगर वो इन दोनों में से कुछ भी करता हुआ पाया गया, तो उसकी पैरोल रद्द कर दी जाएगी।
यही नहीं उसके हरियाणा में प्रवेश नहीं होने और ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने पर भी रोक लगी है।
किस आधार पर राम रहीम को मिल रही है पैरोल
राम रहीम ने अपने पिता की बरसी का हवाला देकर इस बार 20 दिनों की पैरोल की मांग की है। उसने कहा है कि पांच अक्टूबर को उसके पिता की बरसी है, यह वही दिन है जिस दिन हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाला है।
अपनी पैरोल के अनुरोध में राम रहीम ने उत्तर प्रदेश के बागपत में रहने की पेशकश की है जो हरियाणा से केवल 150 किलोमीटर की दूरी पर है।
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4 साल में 11 बार राम रहीम को मिल चुकी है पैरोल
गुरमीत को चार साल में 11 बार पैरोल मिल चुकी है। 21 दिनों की पैरोल काटकर उसने दो सितंबर को सरेंडर किया था। यह दो साल में दसवीं बार होगा जब राम रहीम को चुनाव से पहले पैरोल दी गई है। उनकी पिछली रिहाई अक्सर प्रमुख चुनावी घटनाओं के साथ मेल खाती हैं। ऐसे में राम रहीम के रिहाई के समय को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
राम रहीम को हिरायाणा विधानसभा चुनाव से पहले अब और इससे पहले अगस्त में 21 दिन की पैरोल मिल चुकी है। इससे पहले साल 2023 में उसे 21, 30 और 40 दिन की तीन बार पैरोल मिल चुकी है।
बता दें कि हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर पांच अक्टूबर को चुनाव होंगे और नतीजों की घोषणा आठ अक्टूबर को होगी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ