Friday, November 14, 2025
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अनिल अंबानी बैंक फ्रॉड केस में ED के सामने क्यों नहीं हुए पेश, बयान जारी कर क्या कहा?

पीएमएलए के तहत ईडी पहले ही रिलायंस समूह की कई संपत्तियां जब्त कर चुकी है। हाल ही में नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी के 132 एकड़ से अधिक जमीन, जिसकी कीमत लगभग 4,462 करोड़ रुपये है, को अस्थायी रूप से अटैच किया गया था।

बैंक फ्रॉड मामले में रिलायंस एडीएजी समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने एजेंसी को सूचित किया है कि वह केवल वर्चुअल माध्यम से ही पूछताछ में शामिल हो सकते हैं और सभी मामलों में पूरा सहयोग करेंगे। हालांकि, ईडी सूत्रों ने कहा है कि उन्हें अब तक अनिल अंबानी या उनकी कंपनी से इस संबंध में कोई औपचारिक संचार प्राप्त नहीं हुआ है।

शुक्रवार को उनके प्रतिनिधि की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ईडी का यह समन फेमा जांच से संबंधित है, न कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किसी मामले से। बयान में कहा गया कि ईडी की पूछताछ जयपुर-रींगस (जेआर) हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़े 15 साल पुराने मामले पर आधारित है।

गौरतलब है कि यह दूसरी बार है जब अंबानी दिल्ली में ईडी के सामने पेश नहीं हुए।

15 साल पुरानी परियोजना से निकला मामला

बयान के अनुसार 2010 में जयपुर रिंग रोड (या जयपुर–रींगस हाईवे) के ईपीसी कॉन्ट्रैक्ट को लेकर एक विवाद सामने आया था। यह पूरी तरह घरेलू परियोजना थी और इसमें विदेशी मुद्रा का कोई लेन-देन नहीं था। यह परियोजना पूरी हो चुकी है और 2021 से इसका संचालन NHAI कर रहा है।

3 नवंबर को ईडी ने फेमा जांच के तहत दावा किया था कि जेआर प्रोजेक्ट से लगभग 40 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जो सूरत की शेल कंपनियों के जरिए दुबई भेजे गए। एजेंसी का कहना है कि जांच में 600 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क का पता चला है।

पीएमएलए जांच के तहत हजारों करोड़ की संपत्ति अटैच

पीएमएलए के तहत ईडी पहले ही रिलायंस समूह की कई संपत्तियां जब्त कर चुकी है। हाल ही में नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी के 132 एकड़ से अधिक जमीन, जिसकी कीमत लगभग 4,462 करोड़ रुपये है, को अस्थायी रूप से अटैच किया गया।

इससे पहले आरकॉम, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस से जुड़े मामलों में 3,083 करोड़ रुपये की 42 संपत्तियां अटैच की गई थीं। इस तरह कुल अटैच की गई संपत्तियों का मूल्य 7,545 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।

ईडी की कार्रवाई सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराएँ शामिल हैं। एफआईआर में आरकॉम, अनिल अंबानी और कई अन्य नामजद हैं।

अंबानी की ओर से जारी बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि वे रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक वे केवल नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे और कंपनी के दैनिक संचालन में नहीं जुड़े थे।

अनिल अंबानी पिछले अगस्त में ईडी मुख्यालय में नौ घंटे की लंबी पूछताछ का सामना कर चुके हैं। 14 नवंबर को उन्हें दोबारा तलब किया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए और वर्चुअल माध्यम की अनुमति मांगी।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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