न्यूयॉर्क: अमेरिका ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कोशिश करने के आरोपी के तौर पर विकास यादव के नाम को उजागर किया है। विकास यादव रॉ के पूर्व सीनियर फील्ड अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं।
न्यूयॉर्क में अमेरिकी अभियोजकों ने भारत सरकार के पूर्व कर्मचारी विकास यादव उर्फ ’विकास’ उर्फ ’अमानत’ के खिलाफ ‘हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप दर्ज करने’ की घोषणा की।
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा, ‘आज के आरोप दर्शाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने, उन्हें खतरे में डालने, प्रत्येक अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा।’
यादव को ‘एक भारतीय सरकारी कर्मचारी’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘न्याय विभाग ऐसे किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने की पूरी कोशिश करेगा जो अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने और चुप कराने की कोशिश करता है, चाहे वह किसी भी सत्ता के कितना भी करीब क्यों न हो।’
यादव को अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने वांटेड लिस्ट में डाल दिया है। साथ ही तस्वीरें भी जारी की गई हैं। विकास के कथित सह-साजिशकर्ता निखिल गुप्ता के खिलाफ दायर आरोपों को गुरुवार को न्यूयॉर्क के संघीय दक्षिणी जिले की अदालत में उजागर किया गया।
आरोप एक ग्रैंड जूरी की तरफ से तय किए गए, जो नागरिकों का एक पैनल है। यह पैनल अभियोजन पक्ष द्वारा मामले की शुरुआती प्रेजेंटेशन के बाद यह फैसला लेता है कि पहली नजर में मामला बनता है या नहीं।
विकास यादव और निखिल गुप्ता पर आरोप
विकास यादव पर गुप्ता के साथ दो आरोप लगाए गए हैं। इनमें एक हत्यारे को किराए पर लेने की साजिश, और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से दायर आरोप-पत्र में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडा स्थित सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का भी संदर्भ दिया गया, जिसके कारण भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर गिरावट आई है। आरोप पत्र के मुताबिक यादव ने गुप्ता से कहा कि ‘निज्जर भी टारगेट था’ और ‘हमारे कई टारगेट हैं’। इसके अलावा उसे निज्जर के शव का एक वीडियो भेजा गया।
एन्क्रिप्टेड ऐप्स के डिटेल भी अमेरिका के पास!
समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा लगता कि अमेरिकी अधिकारियों ने यादव और गुप्ता के बीच इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट कर लिया था या उस तक उनकी पहुंच थी, यहां तक कि एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर भी, क्योंकि अदालत के डॉक्यूमेंट्स में उनके विस्तृत उद्धरण शामिल हैं।
निखिल गुप्ता को अमेरिका के अनुरोध पर चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। उसे जून में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया और अदालत में पेश किया गया था।
अभियोग में यादव को कथित मास्टरमाइंड के रूप में पेश किया गया है। इसमें कहा गया ‘यादव ने संयुक्त राज्य अमेरिका में पीड़ित की हत्या की साजिश रचने के लिए गुप्ता को भर्ती किया’ और यादव के ‘निर्देशों’ के तहत, गुप्ता ने एक सरकारी ‘गोपनीय स्रोत’ से संपर्क किया, जिसे वह ‘आपराधिक सहयोगी’ समझता था।
इस शख्स ने बदले में उसे ‘कथित हिटमैन’ तक पहुंचाया, जो वास्तव में, एक अंडरकवर अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारी था। अदालत के दस्तावेजों में सैन्य वर्दी पहने यादव की एक तस्वीर भी शामिल है।
किसी अन्य भारतीय अधिकारी का नाम नहीं
अभियोजकों द्वारा दायर 18-पेजों के डॉक्यूमेंट में किसी अन्य भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है। न ही इसमें अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम है, जो कथित तौर पर कथित साजिश का लक्ष्य था।
इसमें केवल इतना कहा गया कि ‘पीड़ित’ (पन्नू) ‘एक वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता है जो न्यूयॉर्क शहर में रहने वाला भारतीय मूल का अमेरिकी नागरिक है’ और खालिस्तान की स्थापना के लिए ‘पंजाब के अलगाव की वकालत करने वाले एक अमेरिकी-बेस्ड संगठन’ का नेतृत्व करता है। इसमें कहा गया कि भारत सरकार ने ‘पीड़ित’ और उसके अलगाववादी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विकास यादव के बारे में और क्या कहा गया है?
विकास यादव की पृष्ठभूमि का विवरण देते हुए अभियोग में कहा गया है, ‘यादव भारत का नागरिक और निवासी है…यादव को भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय द्वारा नियुक्त किया गया था, जो भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय का एक हिस्सा है।’
इसमें आगे कहा गया है, ‘रॉ कैबिनेट सचिवालय की एक शाखा है। यादव ने खुद को सुरक्षा, प्रबंधन और खुफिया में जिम्मेदारियों के साथ वरिष्ठ फील्ड अधिकारी के रूप में वर्णित किया है, और अपने नियोक्ता का पता नई दिल्ली में सीजीओ कॉम्प्लेक्स बताया है, जहां रॉ का मुख्यालय है।’
साथ ही कहा गया है कि यादव ने CRPF के लिए काम किया है जो भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है। यादव ने वहां अपनी स्थिति 135 सदस्यीय कंपनी की कमान के साथ एक सहायक कमांडेंट के रूप में बताई है। अभियोग में आरोप लगाया गया है कि यादव ने काउंटर इंटेलिजेंस, बैटलक्राफ्ट, हथियार और पैराट्रूपर प्रशिक्षण प्राप्त करने की सूचना दी है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मामले के संबंध में अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के अभियोग में पहचाने गए व्यक्ति पर एक प्रश्न के जवाब में पुष्टि की थी कि ‘वह व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।’
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)