तेहरान: ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने अपने नए प्रमुख की घोषणा कर दी है। नईम कासिम संगठन की कमान संभालेगे। साल 1982 में हिजबुल्लाह के संस्थापकों में से एक कासिम को सोमवार को समूह के सात सदस्यों वाले केंद्रीय निर्णय लेने वाले निकाय शूरा परिषद की बैठक के बाद महासचिव चुना गया है।
नईम कासिम, हसन नसरल्लाह की जगह लेंगे जिनकी मौत पिछले महीने इजराइली बमबारी में हुई थी। इससे पहले इजराइल ने 22 अक्टूबर को यह घोषणा की थी कि उसने तीन सप्ताह पहले बेरूत में नसरल्लाह के उत्तराधिकारी माने जा रहे हाशेम सफीद्दीन को भी मार गिराया था।
परिषद ने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि हिजबुल्लाह अपने सिद्धांतों, लक्ष्यों और मार्ग पर कायम रहेगा, ताकि प्रतिरोध की लौ को जीवित रखा जा सके और ‘अंतिम विजय’ तक उसका झंडा ऊंचा रहे।
इससे पहले कासिम ने पिछले महीने एक टिप्पणी की थी जिसमें उन्होंने कहा था, “मुझे पूरा विश्वास है कि दुश्मन के ये हमले प्रतिरोध को कमजोर नहीं करेंगे और हम निश्चित रूप से जीतेंगे।” यह बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में इजराइली वायु सेना के हमले में नसरल्लाह की हत्या के बाद हिजबुल्लाह के किसी वरिष्ठ अधिकारी का पहला भाषण था।
वहीं, नसरल्लाह की मृत्यु के बाद कासिम तीन टेलीविजन भाषणों में दिखाई दिए, जिसमें उन्होंने अपने अनुयायियों को आश्वस्त किया कि हिजबुल्लाह जवाबी कार्रवाई करेगा, भले ही पिछले कुछ हफ्तों में उसे नेतृत्व संबंधी गंभीर संकट का सामना करना पड़ा हो।
कौन हैं नईम कासिम
साल 1953 में दक्षिणी लेबनान में जन्मे कासिम ने लेबनान के विवि से रसायन विज्ञान में बीएससी की डिग्री हासिल की है। वे पहले शूरा काउंसिल के प्रमुख भी रह चुके हैं।कासिम को फ्रेंच, अंग्रेजी, अरबी, फारसी समेत कई और भाषा भी आती है। उनकी गहरी राजनीतिक यात्रा लेबनान के शिया अमल आंदोलन से शुरू हुई थी।
वर्ष 1979 के ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद कासिम ने ग्रुप को छोड़ दिया था। साल 1982 में लेबनान पर इजराइल के हमले के बाद ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की मदद से हिजबुल्लाह का गठन हुआ था जिसमें उन्होंने अहम रोल अदा किया था। वे संगठन के गठन के लिए कई बैठकों में भी हिस्सा लिए थे।
71 वर्षीय नईम कासिम साल 1991 में संगठन के उप महासचिव बने थे। कासिम को आतंकी ग्रुप के तत्कालीन महासचिव अब्बास अल-मुसावी द्वारा उप प्रमुख नियुक्त किया गया था। इसके अगले ही साल अब्बास की एक इजराइली हेलीकॉप्टर हमले में मौत हो गई थी।
संगठन के उप महासचिव बनने के बाद से वे हिजबुल्लाह के ‘सेकंड-इन-कमांड’ के रूप में काम करते रहे हैं। कासिम काफी लंबे समय से संगठन के प्रवक्ता भी हैं और उनकी गिनती संगठन के प्रमुख प्रवक्ताओं में होती है।
पिछले साल जब से इजराइल के साथ संघर्ष शुरू हुआ था तब से कासिम कई विदेशी मीडिया के साथ इंटरव्यू में भी हिस्सा ले चुकेे हैं। कासिम को संगठन का चेहरा और आवाज माना जाता है।
बता दें कि हिजबुल्लाह को कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। मेरिकी विदेश विभाग ने अक्टूबर 1997 में हिजबुल्लाह को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ