Thursday, October 16, 2025
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नोएल टाटा कौन है, जिन्हें टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है?

नई दिल्लीः टाटा समूह के महत्वपूर्ण फैसले के तहत शुक्रवार नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति उनके सौतेले भाई, रतन टाटा के निधन के बाद की गई है। नोएल टाटा के पास टाटा समूह में चार दशक से अधिक का अनुभव है, और उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट्स ने 66 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ टाटा संस के संचालन में प्रमुख भूमिका निभाई है।

नोएल टाटा का परिचय और समूह में भूमिका
नोएल टाटा का जन्म 1957 में हुआ और उन्होंने टाटा समूह में अपनी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने अपनी पत्नी, अलू मिस्त्री के साथ तीन बच्चों – नेविल, लिआ और माया – की परवरिश की। लिआ टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी में उपाध्यक्ष हैं, जबकि माया टाटा कैपिटल से जुड़ी हैं। नेविल, ट्रेंट और स्टार बाजार की नेतृत्व टीम में शामिल हैं।

नोएल टाटा, वर्तमान में टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वे टाटा स्टील, टाइटन, और वोल्टास जैसी कई कंपनियों के बोर्ड में भी महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। 1998 में नोएल टाटा ने ट्रेंट लिमिटेड की बागडोर संभाली थी, जिसे उनके नेतृत्व में एक छोटे से स्टोर से बढ़ाकर 700 से अधिक आउटलेट्स तक विस्तार किया गया है।

टाटा समूह के शेयरों में उछाल
नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाए जाने के बाद समूह के शेयरों में तेजी देखने को मिली। ट्रेंट के शेयर 2.94 प्रतिशत बढ़कर 8,269.30 रुपये पर बंद हुए, जबकि टाइटन और वोल्टास के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। यह उछाल नोएल के नेतृत्व की विश्वसनीयता और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। ट्रेंट लिमिटेड में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते रिटेल सेक्टर में ट्रेंट का कद तेजी से बढ़ा है।

नोएल टाटा की योजनाएं और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी
नोएल टाटा ने अपने पहले बयान में कहा, “मैं इस जिम्मेदारी को विनम्रता और गर्व के साथ स्वीकार करता हूं। रतन टाटा और टाटा समूह के संस्थापकों की विरासत को आगे बढ़ाने का मेरा प्रयास होगा।”

टाटा ट्रस्ट्स न केवल समूह की परोपकारी शाखा है, बल्कि यह टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ समूह के प्रबंधन में भी प्रमुख भूमिका निभाती है। यह ट्रस्ट वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान करीब 56 मिलियन डॉलर का दान कर चुका है। नोएल टाटा के नेतृत्व में ट्रस्ट और समूह दोनों का भविष्य सुरक्षित और स्थिर प्रतीत हो रहा है।

नोएल के अनुभव और उनके शांत नेतृत्व की शैली को देखते हुए, उम्मीद की जा रही है कि वे टाटा ट्रस्ट्स और समूह की परंपराओं को मजबूती से आगे बढ़ाएंगे, खासकर इस महत्वपूर्ण समय में जब टाटा समूह को नेतृत्व और दिशा की आवश्यकता है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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