तिरुवनंतपुरम: केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी आर. श्रीलेखा भाजपा में शामिल हो गई हैं। साल 2020 में श्रीलेखा सर्विस से रिटायर हुई थीं। वे केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज के महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत हुई थीं। वह एक लेखक भी हैं और उन्होंने नौ किताबें भी लिखी हैं।
बीजेपी में शामिल होने पर बोलते हुए श्रीलेखा ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर पार्टी को ज्वाइन किया है। श्रीलेखा ने कहा है कि करीब तीन हफ्ते तक विचार करने के बाद और भाजपा की विचारधाराओं को देखते उन्होंने पार्टी ज्वाइन करने का फैसला किया है।
श्रीलेखा ने कहा है कि सर्विस से रिटायर होने के बाद जनता की सेवा के लिए वे भाजपा में शामिल हुई हैं। उनकी पार्टी में शामिल होने पर बोलते हुए भाजपा ने कहा है कि श्रीलेखा एक “बहादुर अधिकारी” हैं।
पार्टी ने कहा है कि वे केरल से अच्छे से परिचित हैं और अपनी सर्विस के दौरान उन्हें समाज में कई सुधार भी किए हैं। श्रीलेखा जब सर्विस में तब भी और उनके रिटायर होने के बाद भी वे विवादों में घिरी रही हैं।
भाजपा में शामिल होने वाली दूसरी IPS अधिकारी
श्रीलेखा के पार्टी में शामिल होने पर राज्य भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने उनका स्वागत किया है। उन्होंने सर्विस के दौरान श्रीलेखा के योगदानों का जिक्र किया है और कहा है कि उन्होंने महिलाओं के अधिकार के लिए काफी लड़ाई लड़ी हैं।
बता दें कि श्रीलेखा ने भाजपा ऐसे समय में ज्वाइन किया है जब केरल में आरएसएस नेताओं के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मुलाकात को लेकर बहस छिड़ हुई है।
पूर्व डीजीपी जैकब थॉमस के बाद श्रीलेखा भाजपा में शामिल होने वाली केरल की दूसरी पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। साल 2021 में पार्टी में शामिल हुए जैकब थॉमस ने बाद में इरिन्जालाकुडा विधानसभा क्षेत्र से राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता के आर बिंदू से हार गए थे।
Today, we are proud to welcome Smt. R Sreelekha IPS, Former D. G. P and Kerala’s first woman IPS officer, to the BJP family. Her decision to join the Bharatiya Janata Party is a testament to the inspiring leadership of Hon’ble PM Shri @narendramodi Ji and the transformative… pic.twitter.com/NP1CwYSf3y
— K Surendran (@surendranbjp) October 9, 2024
कौन है श्रीलेखा
साल 1987 बैच की आईपीएस अधिकारी श्रीलेखा का उनके करियर के अंतिम दिनों में केरल के सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) सरकार के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए थे। वे रिटायर होने के बाद औपचारिक विदाई पार्टी और गार्ड ऑफ ऑनर जैसे प्रोग्रामों में भी शामिल नहीं हुई थी।
श्रीलेखा तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं। पुलिस सेवा में आने से पहले श्रीलेखा बैंक अधिकारी थीं। उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा किताबें भी लिखी हैं। वे कॉलेज में लेक्चरर भी रह चुकी हैं। अपने करियर में श्रीलेखा ने एसपी, डीआइजी और आइजी सहित विभिन्न पदों को संभाला है। उन्होंने चार साल तक सीबीआई के लिए भी काम किया है।
विवादों में घिरती रही हैं श्रीलेखा
सर्विस से रिटायर होने के बाद श्रीलेखा द्वारा दिए गए बयानों से विवाद भी खड़ा हो गया था। श्रीलेखा ने उस समय कहा था जब वे जेल महानिदेशक के पद तैनात थी तब जेल में बंद अभिनेता दिलीप को ज्यादा और बेहतर सुविधाएं दी थी। उनका मानना था कि अभिनेता दिलीप बेगुनाह हैं और इस बात का उन्हें विश्वास भी था।
बता दें कि साल 2017 में अभिनेता दिलीप पर चलती गाड़ी में एक अभिनेत्री के अपहरण और उसके साथ यौन उत्पीड़न से संबंधित मामले में वे जेल में बंद थे।
यही नहीं श्रीलेखा ने अभिनेता पर हमला मामले के मुख्य आरोपी पल्सर सुनी को लेकर एक बयान भी दिया था। उनके बयान के चलते उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। श्रीलेखा ने पल्सर सुनी को “आदतन अपराधी” कहा था।
यही नहीं साल 2016 में जब श्रीलेखा एडीजीपी के पद पर तैनात थी तब उन्होंने अपने साथी एडीजीपी टोमिन जे थाचनकारी पर आरोप भी लगाया था। वाहन कर चोरी के एक मामले में श्रीलेखा ने टोमिन जे थाचनकारी पर उनके खिलाफ विजिलेंस की जांच बैठाने का आरोप लगाया था।