बेरूत: शक्तिशाली लेबनानी आतंकी ग्रुप हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को इजराइली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने मार गिराया है। हिजबुल्लाह ने भी नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की है।
आईडीएफ ने कहा है कि शुक्रवार रात हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर किए हमले में नसरल्लाह की मौत हो गई है। नसरल्लाह का मारा जाना हिजबुल्लाह के लिए सबसे बड़ी चोट है। नसरल्लाह के नेतृत्व में जहां हिजबुल्लाह ने अपनी सैन्य क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया, वहीं ईरान के साथ मजबूत गठबंधन भी बनाए रखा है।
हसन नसरल्लाह के मौत के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि हिजबुल्लाह की कमान अब कौन संभालेगा। इसी कड़ी में हाशेम सफीद्दीन का नाम भी सामने आ रहा है। इस बात की भारी संभावना है कि हाशेम सफीद्दीन को हिजबुल्लाह का अगला प्रमुख बनाया जा सकता है। कई जानकार भी हाशेम सफीद्दीन की नाम पर मुहर लगा रहे हैं।
वहीं एक रिपोर्ट में नईम कासिम का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी भी हिजबुल्लाह का अगला प्रमुख बनने को लेकर काफी चर्चा हो रही है। लेकिन इस रेस में सबसे आगे सफीद्दीन ही हैं। हालांकि इसका फैसला शूरा परिषद द्वारा किया जाएगा।
कौन है हाशेम सफीद्दीन?
नसरल्लाह के उत्तराधिकारी की लिस्ट में सबसे आगे नाम हाशेम सफीद्दीन का है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1964 में जन्मे सफीद्दीन ने शिया धार्मिक शिक्षा के दो मुख्य केंद्रों, इराकी शहर नजफ और ईरान के कोम में नसरल्लाह के साथ धर्मशास्त्र का अध्ययन किया है। दोनों ही हिजबुल्लाह के शुरुआती दिनों में संगठन में शामिल हो गए थे।
हाशेम सफीद्दीन नसरल्ला का चचेरा भाई है और वह एक ऐसा नेता है जो इजराइल के हमलों में बचने में कामयाब हुआ है। सफीद्दीन का ईरान से करीब रिश्ता है। उसका भाई अब्दुल्लाह ईरान में हिजबुल्लाह के प्रतिनिधि के रूप में काम करता है। बता दें ईरान का हिजबुल्लाह की स्थापना में अहम योगदान रहा है।
हाशेम सफीद्दीन हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद का प्रमुख है। वह एक से अधिक पद भी संभालता है। सफीद्दीन, कार्यकारी परिषद के प्रमुख के अलावा, हिजबुल्लाह की शूरा परिषद का एक अहम सदस्य और जिहादी परिषद का चीफ भी है।
पिछले कई सालों से जिस तरीके से सफीद्दीन ने राजनीतिक और सैन्य दोनों क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाई है, उससे संगठन में उसकी पकड़ और भी मजबूत हुई है।
सफीद्दीन को फिलिस्तीन का समर्थन करने और अपनी उग्रवादी रुख के लिए जाना जाता है। दक्षिणी बेरूत के दहियाह में जिसे हिजबुल्लाह का गढ़ कहा जाता है। वहां पर एक हालिया कार्यक्रम के दौरान सफीद्दीन ने फिलिस्तीन के लिए समूह के अटूट समर्थन की घोषणा की थी।
अमेरिका ने सफीद्दीन को आंतकी घोषित किया है
अमेरिका और सऊदी अरब ने सफीद्दीन को आतंकवादी घोषित किया है और उसकी संपत्तियों को जब्त कर रखा है। साल 2017 में अमेरिकी विदेश विभाग ने हिजबुल्लाह की गतिविधियों में उसकी भूमिका का हवाला देकर सफीद्दीन को आंतकवादी घोषित किया था।
सफीद्दीन के आतंकवादी घोषित करने के बाद भी वह अमेरिका और इजराइल की आलोचना करता रहा है। उसने कई मौके पर अमेरिका और उस समय के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी आलोचना की है।
सऊदी अरब ने भी उसे ब्लैकलिस्ट कर रखा है
साल 2017 में सऊदी अरब ने भी सफीद्दीन को ब्लैकलिस्ट कर रखा है। उस पर हिजबुल्लाह के हित में काम करने और सीरियाई शासन का समर्थन करने के आरोप में यह बैन लगा है।
सफीद्दीन का बेटा रिदा ने कासिम सुलेमानी की बेटी जैनब से साल 2020 में शादी की थी। यह वही कासिम सुलेमानी हैं जिनकी मौत उसी साल बगदाद में अमेरिकी हवाई हमलों में मौत हुई थी।
हसन नसरल्लाह ने साल 2006 में इजराइल नेताओं की हत्या का प्रयास किया था। इस प्रयास के बाद से ही वह छिपता फिर रहा था। हसन की गौर मौजूदगी में सफीद्दीन मीडिया के सामने और अन्य सभाओं में ज्यादा दिखाई देने लगा था। वह लेबनान में मारे गए हिजबुल्लाह के सदस्यों के अंतिम संस्कार में भी शामिल होता था।
कौन है नईम कासिम?
71 वर्षीय नईम कासिम हिजबुल्लाह का उप महासचिव है। उसे अक्सर हिजबुल्लाह में ‘नंबर दो’ के रूप में देखा जाता है। कासिम का शिया राजनीति से लंबा जुड़ाव रहा है।
1970 के दशक में, वह इमाम मूसा अल-सदर के आंदोलन में शामिल हुआ। यही आंदोलन बाद में लेबनान में एक शिया ग्रुप के ‘अमल आंदोलन’ का हिस्सा बना। बाद में कासिम ने ‘अमल आंदोलन’ से अलग हो गया। उसने 1980 के दशक की शुरुआत में हिजबुल्लाह की स्थापना में मदद की थी। वह ग्रुप के संस्थापक धार्मिक विद्वानों में से एक है।
कासिम को साल 1991 में तत्कालीन महासचिव अब्बास अल-मुसावी के दौर में उप महासचिव चुना गया था। मुसावी को भी इजराइल ने मार गिराया था।
क्या कहते हैं जानकार
विश्लेषकों का मानना है कि सफीद्दीन के नसरल्लाह के साथ पारिवारिक संबंध होने के कारण वह हिजबुल्लाह का अगला प्रमुख बन सकता है। उनका यह भी कहना है कि जिस तरह से पिछले कुछ सालों में उसकी सार्वजनिक उपस्थिति बढ़ी है, इससे उसके इस पद के संभालने की संभावना को और भी बढ़ गई है।
सिफीद्दीन की लेबनान के शिया समुदाय के भीतर उसकी मौलवी वाली छवि भी एक अहम रोल अदा कर रहा है। यह उसकी दावेदारी को और भी गहरी कर रही है। इससे पहले हिजबुल्लाह के एक कमांडर की मौत के बाद सफीद्दीन ने लड़ाई को आगे जारी रखने की चेतावनी देते हुए जबरदस्त बयान भी दिया था।
हाल में इन नेताओं की हुई है मौत
हाल में आतंकी ग्रुप हमास और हिजबुल्लाह के कई नेताओं की मौत हुई है। इन नेताओं के मौत को लेकर यह दावा किया जाता है कि इनको इजराइल द्वारा मारा गया है। इन नेताओं की पूरी लिस्ट नीचे दी गई है।
– हमास प्रमुख- इस्माइल हानिया- 31 जुलाई को ईरान में एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान इनकी हत्या हुई थी।
– हिजबुल्लाह कमांडर- इब्राहिम कुबैसी- 24 सितंबर को बेरूत में मौत हुई थी।
– हिजबुल्लाह के ऑपरेशन कमांडर- इब्राहिम अकील- 20 सितंबर को इजराइली हवाई हमले में मरने की खबर मिली थी।
– राडवान विशेष बलों के कमांडर- अहमद वाहबी- इब्राहिम अकील के साथ मारे गए थे।
– हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्ला के करीबी सहयोगी माने जाने वाले- फुआद शुक्र- कथित तौर पर 30 जुलाई को इजराइली हमले में मारे गए थे।
– हमास के एक अन्य वरिष्ठ नेता-मोहम्मद दीफ- की कथित तौर पर गाजा में हत्या कर दी गई, हालांकि हमास ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
– मोहम्मद नासिर-लेबनान-इजराइल सीमा पर हिजबुल्लाह ऑपरेशन में शामिल था, कथित तौर पर तीन जुलाई को एक इजराइली हवाई हमले में मारा गया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ