वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जान के खतरे को लेकर एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें उनकी हत्या करने की एक खतरनाक योजना बनाई गई थी।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक इस साजिश में सबसे बड़ा हाथ अफगान नागरिक फरहाद शकेरी का है। शकेरी पर आरोप है कि उसने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के आदेश पर यह योजना बनाई थी।
साजिश का खुलासा होने से ट्रंप और ईरान के संबंधों के पीछे की राजनीति भी उजागर हुई है। बता दें कि ट्रंप शासन में ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे। उन्होंने ईरान के परमाणु समझौते को समाप्त कर दिया था।
इसके अलावा दावा है कि साल 2020 में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ही ईरान ने ट्रंप को निशाना बनाने की कई कोशिशें की हैं। ऐसे में ट्रंप की हत्या की साजिश रचने में ईरान का हाथ होना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।
कौन है फरहाद शकेरी?
51 साल के अफगानी नागरिक फरहाद शकेरी मौजूदा वक्त में तेहरान में रह रहा है। उसका जीवन काफी मुश्किलों से भरा रहा है। उसने पहले अमेरिका में अपना बचपन बिताया था, लेकिन छोटी उम्र में ही अपराध की दुनिया से जुड़ गया।
साल 1994 में उसने डकैती डाली थी और इसके लिए न्यूयॉर्क की जेल में 14 साल की सजा काटी थी। साल 2008 में उसे अमेरिका से निकाल दिया गया, लेकिन वह फिर श्रीलंका में एक ड्रग ट्रैफिकिंग मामले में पकड़ा गया था।
इसी दौरान उसकी मुलाकात ईरानी अधिकारियों से हुई और उसने धीरे-धीरे ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के साथ संपर्क बनाना शुरू किया था।
फर्स्टपोस्ट वेबसाइट के मुताबिक, ट्रंप की हत्या की साजिश में शकेरी के साथ दो और लोग शामिल थे। ये दोनों अमेरिकी नागरिक – कार्लिसल रिवेरा और जोनाथन लोडहोल्ट- हैं। इन दोनों को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया है और उन पर आरोप है कि उन्होंने शकेरी की मदद की थी।
शकेरी ने इन दोनों को एक हजार डॉलर का भुगतान किया था, ताकि वे ट्रंप और एक अन्य ईरानी-अमेरिकी कार्यकर्ता की हत्या की योजना को अंजाम दे सकें।
ईरान सरकार के आदेश पर रची गई थी साजिश
फर्स्टपोस्ट वेबसाइट के अनुसार, शकेरी ने यह साजिश ईरान सरकार के आदेश पर बनाई थी। अदालत में पेश दस्तावेजों में बताया गया है कि आईआरजीसी के अधिकारियों ने शकेरी को ट्रंप की हत्या के लिए गुप्त योजना बनाने का आदेश दिया था।
शकेरी और उसके साथियों ने पहले ट्रंप की हत्या के लिए एक तारीख तय की थी, लेकिन जब वह योजना समय पर पूरी नहीं हो पाई, तो आईआरजीसी के एक अधिकारी ने कहा कि अगर ट्रंप चुनाव हार जाते हैं, तो उसकी हत्या करना आसान हो जाएगा। दावा है कि इस कारण साजिश को चुनाव के बाद तक टाल दिया गया था।
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मानवाधिकार कार्यकर्ता मसिह अलीनेजाद को भी मारने की योजना थी
वेबसाइट के मुताबिक, शकेरी और उसके साथियों ने एक और बड़ी साजिश बनाई थी। उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ता मसिह अलीनेजाद की हत्या करने की भी योजना बनाई थी। मसिह अलीनेजाद एक ईरानी-अमेरिकी पत्रकार हैं जो महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाती रही हैं और ईरानी सरकार की आलोचना करती रही हैं।
शकेरी ने इन दोनों को मारने के लिए अपने अमेरिकी साथियों को जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके लिए उसने अपने दोनों साथियों को पैसे भी दिए थे। पकड़े जाने पर इन लोगों ने यह भी बताया कि उसे श्रीलंका में इजराइली पर्यटकों को निशाना बनाने के लिए एक हमले की योजना बनाने का भी आदेश मिला था।
हालांकि, यह हमले भी नाकाम हो गए और शकेरी का नेटवर्क पकड़ा गया। इसके बाद अमेरिकी और ईरानी अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर एक साथ काम किया और शकेरी के साथियों को गिरफ्तार किया।
फर्स्टपोस्ट की खबर के अनुसारर, फरहाद शकेरी पर लगाए गए आरोप केवल एक व्यक्ति की हत्या के प्रयास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे ईरान और अमेरिका के रिश्तों में और भी खटास आ गई है।
अमेरिका ने ट्रंप के खिलाफ हुई इस साजिश को गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। हालांकि शकेरी अब भी ईरान में छिपा हुआ है और अमेरिकी अधिकारी उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत हैं।