दिल्ली के रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ में ले ली है। गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को मामला एनआईए को सौंपे जाने के बाद बुधवार को एजेंसी ने एक 10 सदस्यीय विशेष जांच टीम का गठन किया है। यह टीम एनआईए के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) विजय एस. साखरे के नेतृत्व में काम करेगी।
सूत्रों के अनुसार, इस स्पेशल टीम में एक आईजी, दो डीआईजी, तीन एसपी और चार डीएसपी-स्तरीय अधिकारी शामिल किए गए हैं। टीम को दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े हर पहलू की गहन जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है। एनआईए के डीजी और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के प्रमुख के बीच बुधवार को इस मामले को लेकर उच्चस्तरीय बैठक भी हुई।
दिल्ली ब्लास्ट की घटना 10 नवंबर की शाम को हुई थी, जब रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हरियाणा नंबर की एक कार में जोरदार विस्फोट हुआ। इस धमाके में कम से कम 13 लोगों की मौत और करीब 20 लोग घायल हुए।
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर जांच की प्रगति की समीक्षा की थी। उन्होंने एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए कि साजिश के हर सूत्र तक जल्द पहुंचा जाए। शाह ने कहा कि “दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
कौन हैं एडीजी विजय सखारे?

विजय सखारे 1996 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। सितंबर 2025 में उन्हें एनआईए में एडीजी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। गृह मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति का आदेश इसी साल 8 सितंबर 2025 को जारी किया था। जिसके लिए जांच एजेंसी ने सिफारिश की थी।
इससे पहले सखारे एनआईए में ही इंस्पेक्टर जनरल पद पर कार्यरत रहे थे। सखारे केरल पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। उन्हें अनुशासन, तेज निर्णय क्षमता और संवेदनशील मामलों की जांच में अनुभव के लिए जाना जाता है।
एनआईए आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच की जिम्मेदारी संभालती है। दिल्ली लाल किला ब्लास्ट में फरीदाबाद, सहारनपुर, अनंतनाग से पुलवामा तक कनेक्शन सामने आया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और मुंबई में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि भीड़भाड़ वाले इलाकों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

1000 से अधिकी CCTV फुटेज खंगाले जा चुके
सूत्रों के मुताबिक, अब तक 1,000 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले जा चुके हैं। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि यह विस्फोट किसी आत्मघाती हमले का हिस्सा भी हो सकता है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर जनहानि करना था। एजेंसियां सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी के साथ-साथ रेड फोर्ट इलाके के मोबाइल डंप डेटा भी खंगाल रही हैं, ताकि धमाके से जुड़े संचार नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
इस बीच, फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल और दिल्ली ब्लास्ट के बीच कड़ी की जांच भी तेज हो गई है। एनआईए टीम ने दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस से ‘जैश मॉड्यूल’ की केस डायरी अपने कब्जे में ले ली है।
फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच के घेरे में है, जहां से जुड़े तीन संदिग्ध आतंकियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। जांच एजेंसियां अब तक यूनिवर्सिटी के 50 से अधिक लोगों — जिनमें संकाय सदस्य, छात्र और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य शामिल हैं — से पूछताछ कर चुकी हैं।
सूत्र बताते हैं कि दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य संदिग्ध उमर भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में शिक्षक था। धमाके से कुछ घंटे पहले ही फरीदाबाद में करीब 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था और सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दोनों घटनाओं के बीच संबंध की जांच अब एनआईए के हाथ में है, और एजेंसी ने कई राज्यों में अपने ऑपरेशन तेज कर दिए हैं।

