Friday, October 17, 2025
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इजराइल ने जब 1996 में सेलफोन के जरिए हमास के आतंकी याह्या अय्याश उर्फ ‘इंजीनियर’ की कर दी थी हत्या

लेबनान में 17 सितंबर को पेजर में हुए ब्लास्ट के एक दिन बाद वॉकी-टॉकी में हुए विस्फोट से पूरी दुनिया हैरान रह गई। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद के मुताबिक इस हादसे में अब तक 37 मारे गए हैं, जबकि 2,931 लोग घायल हुए हैं। इस हमले के पीछे इजराइल और उसकी खुफिया एजेंसी “मोसाद” का हाथ होने का दावा किया गया है।

इस तरह का दावा किया कि लेबनान ने जिन पेजरों को मंगवाया था, उसमें विस्फोटक भरे गए थे। जब इनको लेबनान पहुंचने के बाद बांटा गया तो उसके बाद मोसाद ने अपने ऑपरेशन को अंजाम दिया। जिस समय हजारों पेजरों में ब्लास्ट हुए, उस दौरान ये लोगों की जेब में रखा था। ब्लास्ट के वक्त कोई सब्जी खरीद रहा था तो कोई बाहर टहलने के लिए निकला था।

ऐसी रणनीतियों का इस्तेमाल कई दशकों से कर रहा इजराइल

एक के बाद एक पेजर और वॉकी टॉकी विस्फोटों की घटना ने 1996 की उस ऑपरेशन की याद दिला दी है जब इजराइल ने महज एक सेलफोन के जरिए हमास के आतंकी याह्या अय्याश, जिसे ‘इंजीनियर’ के नाम से जाना जाता था, की हत्या कर दी थी।  याह्या अय्याश की सुनियोजित हत्या नवंबर 1995 में इजराइली प्रधानमंत्री यित्ज़हाक राबिन की हत्या के ठीक दो महीने बाद हुई। राबिन की हत्या के कारण इजराइली आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा था।

हालांकि राबिन की हत्या एक इजरायली चरमपंथी द्वारा की गई थी, यह उस समय हुई थी जब हमास जैसे शांति विरोधी गुट बसों, इमारतों और दुकानों में अंधाधुंध बम विस्फोट कर रहे थे। शिन बेट को तत्काल कोई बड़ी सफलता चाहिए थी, और याह्या अय्याश की हत्या उनके लिए एक बड़ी जीत साबित हुई।

याह्या अय्याश के बनाए बमों की वजह से इजराइल में दर्जनों बम विस्फोट हुए और सौ से अधिक लोगों की जानें गईं। अय्याश को खत्म करना न केवल मुश्किल था, बल्कि जिस तरीके से उसे मारा गया, वह इजराइल की खुफिया सफलता के सबसे चर्चित अध्यायों में से एक बन गया। यह दुनिया के पहले मोबाइल बम विस्फोटों में से एक था, और अपनी सटीकता के लिए भी जाना गया।

इंजीनियर’ की हत्या के लिए मोबाइल फोन में बम कैसे रखा गया?

इजराइली खुफिया एजेंसी ने याह्या अय्याश की हत्या के लिए एक छोटे, रेडियो-नियंत्रित बम का उपयोग किया, जिसे एक मोबाइल फोन में छुपाया गया था। लगभग 50 ग्राम आरडीएक्स विस्फोटक को मोबाइल फोन की बैटरी के हिस्से में ढाला गया था।

लेकिन, इस बम से लैस फोन को अय्याश तक पहुँचाने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत थी जिसे उसकी पहुंच हो।

एक रिपोर्ट के अनुसार, अय्याश के दोस्त ओसामा हमद के चाचा कमाल हमद, जो एक ठेकेदार थे, ने इजराइली खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर यह काम किया। कमाल ने ओसामा को एक मोबाइल फोन दिया था, ताकि वह उससे संपर्क में रह सके। कमाल ने कुछ दिनों के लिए वह फोन उधार लिया और फिर उसे विस्फोटक के साथ तैयार कर वापस कर दिया।

जब विस्फोट हुआ, कमाल हमद गायब हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, उसे $1 मिलियन का भुगतान किया गया और उसे झूठे पासपोर्ट के साथ अमेरिका जाने की अनुमति दी गई।

कैसे ‘इंजीनियर’ की हत्या हुई?

8:40 बजे के आसपास, जब याह्या अय्याश अपने पिता से बात कर रहा था, वह मोटोरोला फोन बज उठा। फोन उसके पिता की कॉल थी, जो वेस्ट बैंक से कर रहे थे। बातचीत के दौरान, अचानक एक कम उड़ान भरता हुआ विमान इलाके के ऊपर मंडराने लगा। पिता और पुत्र की आखिरी बातचीत समाप्त होते ही, फोन में छुपा हुआ बम फट गया।

बम इतने सटीक तरीके से तैयार किया गया था कि विस्फोट से अय्याश की सिर्फ दाहिनी तरफ का चेहरा क्षतिग्रस्त हुआ। उसकी बाईं ओर का चेहरा पूरी तरह से सुरक्षित रहा। यह अत्यधिक सटीकता से बनाया गया विस्फोटक था, जो सिर्फ उसे मारने के लिए तैयार किया गया था।

याह्या अय्याश, जो हमास के एक प्रमुख सदस्य थे, की मौत ने इजराइल के तकनीकी कौशल और खुफिया क्षमताओं को दुनिया के सामने लाया, जिससे फिलिस्तीनी समुदाय में भारी तनाव और डर फैल गया। लेकिन दशकों बाद ‘इंजीनियर’ के रूप में मशहूर यह आतंकी आज भी गाजा में एक नायक के रूप में देखा जाता है, और उनकी मौत के तीन दशक बाद भी उसकी लोकप्रियता बनी हुई है। गाजा में उसके नाम पर एक सड़क भी है, जो उसकी विरासत और प्रभाव का प्रतीक है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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