नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नई योजना ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वित्तीय बाधाएं छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने से न रोक पाएं।
पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से उपजी एक महत्वपूर्ण पहल है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह सिफारिश थी कि सार्वजनिक और निजी उच्च शिक्षण संस्थाओं में मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, कोई भी छात्र जो गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (क्यूएचईआई) में प्रवेश लेता है, वह ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कॉलेटरल फ्री और गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
योजना को लेकर धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा है
योजना की जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है, “आज कैबिनेट में शिक्षा विभाग के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्वीकृति दी है, ‘प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना’ देश के एक लाख मेधावी विद्यार्थियों के लिए 10 लाख तक का लोन जिसमें रियायत भी रहेगी, तीन प्रतिशत इंटरेस्ट भी रहेगी, ऐसा एक महत्वकांछी योजना को आज पास किया गया है।”
Universalising access to 21st century higher education for India’s talented youth is PM Modi’s guarantee.
Hon’ble PM @narendramodi ji’s approval to #PMVidyalaxmi with an outlay of ₹3,600 crore will remove obstacles to higher education and enable our yuva shakti to pursue their… pic.twitter.com/EYXo2xH8Bx
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) November 6, 2024
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “इस योजना के कुछ मुख्य फीचर हैं। देश की 807 NIRF रैंक्ड इंस्टीट्यूशन में अगर कोई विद्यार्थी पढ़ना चाहते हैं तो उनकी फीस, हॉस्टल फीस और उनके किताबों के बारे में उनको आर्थिक मदद जो चाहिए होती है उसके लिए ये लोन फायदेमंद होगा। साथ ही इस लोन के लिए किसी भी प्रकार की गारंटी की जरूरत नहीं है। इस स्कीम के लिए तीन हजार 600 करोड़ की आर्थिक अनुदा की व्यवस्था की गई है जिससे भारत के गरीब, वंचित और मेधावी विद्यार्थियों को उच्च इंस्टीट्यूशन में पढ़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकसित भारत का जो सपना है, उस दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम है।”
क्या है ‘पीएम विद्यालक्ष्मी योजना’
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह योजना एक सरल, पारदर्शी और छात्र-अनुकूल प्रणाली के माध्यम से संचालित की जाएगी। यह प्रणाली अंतर-संचालित और पूरी तरह से डिजिटल होगी। यह योजना देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगी। एनआईआरएफ रैंकिंग के शीर्ष 100 उच्च शिक्षण संस्थान इसके अंतर्गत आएंगे।
वहीं, राज्य सरकारों से संबंधित 101-200 रैंकिंग वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को भी इसमें स्थान दिया जाएगा। यह सूची नवीनतम एनआईआरएफ रैंकिंग का उपयोग करके हर साल अपडेट की जाएगी।
#WATCH | Delhi: Union Minister Ashwini Vaishnaw says, “Today, the cabinet approved PM Vidyalaxmi scheme. This scheme empowers the youth and the middle class. This scheme will ensure no meritorious student is denied higher education due to financial constraints. Under this scheme,… pic.twitter.com/9Y1G7lsTU1
— ANI (@ANI) November 6, 2024
इसकी शुरुआत 860 योग्य गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थाओं से होगी, जिसमें 22 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे। छात्र 7.5 लाख रुपए तक की ऋण राशि के लिए 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी के लिए भी पात्र होंगे।
इसके अलावा, जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय आठ लाख रुपए तक है और वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं हैं, उनके लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण पर तीन प्रतिशत ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी।
हर साल एक लाख छात्रों को ब्याज में सहायता दी जाएगी। उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों से हैं और जिन्होंने तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना है।
‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’ के लिए कैसे किया जाएगा आवेदन
वित्त वर्ष 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3,600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस अवधि के दौरान सात लाख नए छात्रों को ब्याज छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है।
उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’ होगा, जिस पर छात्र सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज छूट के लिए आवेदन कर सकेंगे। ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ देश के युवाओं की पहुंच गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक बढ़ाएगी। यह शिक्षा और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में पिछले एक दशक में भारत सरकार द्वारा की गई पहलों के दायरे और पहुंच को भी आगे बढ़ाएंगी।
यह उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही पीएम-यूएसपी की दो घटक योजनाओं, केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (सीएसआईएस) और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) का पूरक होगा।
पीएम-यूएसपी सीएसआईएस के तहत 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों को 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर पूर्ण ब्याज छूट मिलती है। इस प्रकार, पीएम विद्यालक्ष्मी और पीएम-यूएसपी मिलकर सभी योग्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा, तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए सहायता प्रदान करेंगे।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)