न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी दौरे के दौरान डेलावेयर में क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की। इस दौरान अमेरिका से MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन की खरीद को लेकर चर्चा हुई। दोनों नेताओं की बैठक के बाद बाइडेन ने 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद को लेकर बातचीत आगे बढ़ने का स्वागत किया। अमेरिकी रक्षा फर्म जनरल एटॉमिक्स की ओर से इसे बनाया जाता है।
माना जा रहा है कि पीएम मोदी और बाइडन की इस संबंध में बैठक के बाद डील को फाइनल करने में तेजी आएगी। यह अत्याधुनिक ड्रोन भारत की निगरानी क्षमताओं को बढ़ावा देने में मदद करेगा। बैठक के बाद एक संयुक्त फैक्ट शीट में दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप के तहत हासिल की गई प्रगति का भी उल्लेख किया। इसमें जेट इंजन, युद्ध सामग्री और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम के लिए सह-उत्पादन व्यवस्था में सहयोग को प्राथमिकता देना शामिल है।
क्या है MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन?
इससे पहले इसी साल फरवरी में जब पीएम मोदी अमेरिकी दौरे पर गए थे तब अमेरिका ने 31 MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन्स को भारत को बेचने को लेकर हरी झंडी दिखाई थी। इस सौदे के तहत भारतीय नौसेना को 15 सी गार्जियन ड्रोन (Sea Guardian drones) मिलेंगे, जबकि भारतीय वायु सेना और सेना प्रत्येक को आठ स्काई गार्डियन ड्रोन मिलेंगे। भारत इन 31 ड्रोन को 3.99 अरब डॉलर में खरीदेगा।
एमक्यू-9बी प्रीडेटर बेहद अत्यधुनिक ड्रोन है। यह मानवरहित है। इसका मतलब ये हुआ कि इसे दूर से ही संचालित किया जा सकता है। यह ड्रोन धरती से बहुत करीब 250 मीटर की ऊंचाई तक पर उड़ सकता है और इसका पता लगाता भी मुश्किल होता है। खास बात ये भी है कि ये ड्रोन जरूरत पड़ने पर 442 किमी/घंटा की अधिकतम गति के साथ 40,000 फीट तक की ऊंचाई पर भी उड़ सकता है। यही नहीं, इसमें मोबाइल और बम वगैरह ले जाने की भी क्षमता है।
यह ड्रोन चार मिसाइलों और 450 किलोग्राम बम सहित लगभग 1700 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है और एक बार ईंधन भरे जाने पर 2000 मील (3200 किलोमीटर) की यात्रा कर सकता है। ड्रोन लगातार उड़ान भर सकता है और करीब 35 घंटे तक लक्ष्य पर मंडरा या उसका पीछा कर सकता है। यह दिन या रात किसी भी समय काम करने में सक्षम है। यह स्वचालित टेक-ऑफ और लैंडिंग में सक्षम है।