जेरुसलम: इजराइली रक्षा बलों ने लेबनान स्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में उड़ा देने का दावा किया है। दावा है कि इजराइल के लेबनान में हिजबुल्लाह सदस्यों पर कथित पेजर हमले के आरोप में उसने बुधवार को यह हमला किया है।
हिजबुल्लाह ने बैलिस्टिक मिसाइल कादर -1 से तेल अवीव के पास इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय को टारगेट उस पर हमला किया था। हालांकि इजराइली रक्षा बलों का दावा है कि मिजाइल को हवा में रोक कर उसे वहीं उड़ा दिया गया है।
इजराइल ने किहा है कि हिजबुल्लाह के मिसाइल को आसमान में ही नष्ट कर देने से किसी के हताहत होने के खबर सामने नहीं आई है। हिजबुल्लाह के मिसाइल को टारगेट करने के लिए इजराइल ने डेविड स्लिंग वायु रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल किया है।
सतह से सतह पर मार करने वाली कादर-1 मिसाइल अपनी सटीकता और पे लोड के लिए जानी जाती है। लेकिन डेविड स्लिंग वायु रक्षा सिस्टम के सामने यह मिसाइल भी फेल साबित हो गया है।
क्या है डेविड स्लिंग?
डेविड स्लिंग इजराइल के वायु रक्षा नेटवर्क का एक अभिन्न अंग है। इसे पहले यह “मैजिक वैंड” के नाम से जाना जाता था। साल 2006 में इसे बनाना शुरू किया गया था और साल 2017 में इसे काम में लाया जाने लगा है।
यह जमीन से हवा में मार करने वाले एक एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे अमेरिकी कंपनी रेथियॉन और इजराइल के राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने मिलकर तैयार किया है। डेविड स्लिंग को इजराइल के रक्षा मंत्रालय के “होमा” मिसाइल निदेशालय के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है।
डेविड स्लिंग की खुबियां
इजराइल की कम दूरी की आयरन डोम और आयरन बीम सिस्टम और लंबी दूरी की एरो-2 और एरो-3 मिसाइल सिस्टम के बीच में रखा जाता है।
इसे इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि यह मध्यम और लंबी दूरी के रॉकेट, सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों का मुकाबला कर सके। डेविड स्लिंग को इजराइल की वायु सुरक्षा का दिल माना जाता है।
इस प्रणाली में स्टनर मिसाइल भी शामिल है। यह अपने लक्ष्य का पता लगाने और उसे नष्ट करने के लिए उन्नत सेंसर और रडार तकनीक का इस्तेमाल करती है। दिलचस्प बात यह है कि स्टनर मिसाइल कोई हथियार नहीं ले जाती है बल्कि खतरों को रोकने और उसे बेअसर करने के लिए इसे खास तौर पर डिजाइन किया गया है।
300 किलोमीटर के रेंज के टारगेट को भेद सकता है
डेविड स्लिंग 40 से 300 किलोमीटर (25 से 190 मील) दूर तक और 14.4 किलोमीटर तक की ऊंचाई वाले लक्ष्य को भेद सकता है। डेविड स्लिंग सिस्टम की इंटरसेप्टर मिसाइल काफी कीमती है। एक इंटरसेप्टर मिसाइल की कीमत एक मिलियन डॉलर (लगभग 8 करोड़ 36 लाख रुपए) से अधिक है।
2018 में सही से काम नहीं कर पाया था सिस्टम
डेविड स्लिंग सिस्टम को साल 2018 में जब पहली बार इस्तेमाल किया गया तो यह फेल साबित हुआ था। उस समय सिरिया द्वारा दो मिसाइलें दागी गई थी जिसे यह सिस्टम भेदने में नाकामयाब रहा था।
इसके बाद इस पर और काम किया गया है और इसे अपग्रेड करके हिजबुल्लाह के साथ हालिया घटना में इसे इस्तेमाल किया गया है। इस बार हिजबुल्लाह के मिसाइलों को रोकने और उन्हें हवा में ही उड़ाने में यह सिस्टम कामयाब रहा है।
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फिनलैंड ने भी इस सिस्टम में किया है निवेश
इजराइल के अलावा फिनलैंड जैसे अन्य देशों ने भी डेविड स्लिंग सिस्टम में निवेश किया है। हाल में रूस के यूक्रेन के हमले के बाद फिनलैंड ने भी इस सिस्टम में भरोसा दिखाया है।
फिनलैंड ने साल 2023 में सिस्टम के लिए 345 मिलियन डॉलर (लगभग 289.8 करोड़ रुपए) निवेश किया है जिसे भविष्य में 600 मिलियन डॉलर (लगभग 504 करोड़ रुपए) तक बढ़ाने की संभावना है।