नई दिल्ली: स्पैम मैसेज को कम करने और ईमेल इस्तेमाल के अनुभव को और भी बेहतर बनाने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल “शील्डेड ईमेल” नामक एक नई फीचर पर काम कर रही है।
टेक न्यूज वेबसाइट एंड्रॉइड अथॉरिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, “शील्डेड ईमेल” फीचर के जरिए गूगल यूजरों के इस्तेमाल करने वाले वास्तविक ईमेल को छुपा कर एक टेम्पोरेरी ईमेल तैयार करने की सुविधा देगा।
इस टेम्पोरेरी ईमेल के जरिए यूजर बिना अपने वास्तविक ईमेल के इस्तेमाल से किसी वेबसाइट और सोशल साइट पर लॉगइन कर सकेंगे। हालांकि गूगल द्वारा इस फीचर को लेकर अभी कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
इन टेम्पोरेरी ईमेल को “डिस्पोजेबल ईमेल”, “थ्रोअवे ईमेल”, “10 मिनट मेल”, “टेंपमेल”, “कचरा मेल” और “नकली मेल” भी कहा जाता है। टेम्पोरेरी ईमेल की फीचर को पहली बार गूगल प्ले सर्विसेस के वर्जन 24.45.33 के एपीके टियरडाउन के दौरान देखा गया था।
मौजूदा दौर में कुछ थर्ड पार्टी वेबसाइट और ऐप यूजरों को टेम्पोरेरी ईमेल को तैयार करने की सुविधा देते हैं जिसमें टेंप मेल (https://temp-mail.org), इंटरनेक्स्ट (https://internxt.com/temporary-email) और टेंपमेलो (https://tempmailo.com) जैसी कुछ साइटें शामिल हैं।
गूगल के “शील्डेड ईमेल” को लेकर रिपोर्ट में क्या दावा किया गया है
रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल यूजरों को एक सीमित समय या फिर सिंगल इस्तेमाल के लिए इन टेम्पोरेरी ईमेल को इस्तेमाल करने का मौका देगा और जैसे ही यूजर टेम्पोरेरी ईमेल बना लेंगे।
इस टेम्पोरेरी ईमेल में भेजे गए सभी मेल को गूगल यूजर के वास्तविक ईमेल को फॉरवर्ड कर देगा। इस सुविधा का उद्देश्य यूजरों के व्यक्तिगत जानकारी को ऑनलाइन उजागर होने से और स्पैम मैसेजों से बचाना है।
कुछ अन्य रिपोर्ट में दावा है कि इस तरह के “शील्डेड ईमेल” यूजरों के असली ईमेल पते को स्पैम, विज्ञापन वाले मेल और मैलवेयर के हमले से बचाता है।
टेक वेबसाइट के रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गूगल की यह सुविधा एंड्रॉइड डिवाइस के सेटिंग्स ऐप के “ऑटोफिल विद गूगल” मेनू में देखने को मिलेगा। हालांकि अभी यह बीटा वर्जन में है और इस पर अभी काम जारी है। ऐसे में अभी इस मेनू पर क्लिक करने पर यूजरों को इस पर काम जारी होने का नोटिफिकेशन मिल रहा है।
टेंप या टेम्पोरेरी ईमेल के क्या फायदे हैं
आजकल किसी भी वेबसाइट की कोई भी सुविधा को इस्तेमाल करने लिए साइटों द्वारा यूजरों को लॉगइन करने को कहा जाता है। लॉगइन के समय यूजरों से उनकी ईमेल मांगी जाती है और जब यूजर अपने वास्तविक ईमेल को दे देता है तो उसके मेल पर स्पैम मैसेज आने लगते हैं।
इस तरह की समस्या के समाधान के लिए टेंप या टेम्पोरेरी ईमेल (अस्थायी ईमेल) तैयार किया गया है।
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि गूगल के इन टेम्पोरेरी ईमेल के लास्ट में वास्तविक ईमेल की तरह “@gmail.com” ही होगा या फिर ईमेल के लास्ट में कुछ और जोड़ा जाएगा। थर्ड पार्टी के टेंप ईमेल सर्विस में रैंडम डोमेन वाला ईमेल इस्तेमाल होता है।
इसका मतलब यह हुआ है कि थर्ड पार्टी के टेंप ईमेल के सर्विस के ईमेल के लास्ट में अलग-अलग नाम के डोमेन वाला ईमेल जेनरेट होता है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर गूगल इन टेम्पोरेरी ईमेल के अंत में “@gmail.com” का इस्तेमाल करता है तो इससे यूजरों को काफी फायदा होगा जिससे उनके ईमेल की प्राइवेसी में इजाफा होगा।
इससे वास्तविक ईमेल और टेम्पोरेरी ईमेल में पहचान करना मुश्किल हो जाएगा जिससे यूजरों की नीजि जानकारियां सुरक्षित रह सकती है।