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अमेरिका से वापस भेजे जा रहे प्रवासियों को लेकर क्या है अमेरिकी दूतावास का रुख?

वाशिंगटनः अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त रुक अपनाया गया है। इसके तहत भारतीय समयानुसार आज सुबह तीन बजे अमेरिका में रह रहे 205 अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से वापस भेजा गया है। ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दौरान अवैध प्रवास को लेकर बोलते रहे थे।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका का सी-17 विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ। इसको लेकर अमेरिकी दूतावास से कहा गया है कि अवैध प्रवास को लेकर अमेरिका का रुख साफ है। 

अमेरिकी दूतावास का रुख?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि ” संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी सीमा को सख्ती से लागू कर रहा है, आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है। इन कार्याइयों का स्पष्ट संदेश हैंः अवैध प्रवासन जोखिम के लायक नहीं है।” 

अमेरिका से भारत में करीब 18000 अवैध प्रवासी वापस आएंगे। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7,25,000 अवैध प्रवासी रह रहे हैं।

अवैध प्रवासियों को लेकर भारत सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि सत्यापन के बाद वह अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों की वापसी को तैयार है। पिछले महीने विदेश मंत्री जब अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रूबियो से मिले थे तभी उन्होंने यह बयान दिया था। 

एस. जयशंकर ने क्या कहा था?

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने बयान में कहा था कि ” अवैध प्रवास अक्सर गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़ा होता है। यह न तो वांछनीय है और न ही हमारी प्रतिष्ठा के लिए लाभदायक है। हमारा कोई भी नागरिक यदि अमेरिका में अवैध रूप से रहता हुआ पाया जाता है तो हम उसकी नागरिकता का सत्यापन करने के बाद भारत में उनकी वैध वापसी के लिए तैयार हैं।”

अवैध प्रवासियों के संबंध में अमेरिकी सेना आव्रजन प्रवर्तन, यूएस-मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों को तैनात कर रही है। इसके साथ ही अवैध प्रवासियों को समायोजित करने के लिए सैन्य सुविधाओं का उपयोग कर रही है और उनके निर्वासन के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल कर रही है।

इससे पहले कोलंबिया के अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से वापस भेजा गया था। जिसको लेकर कोलंबिया ने अपने देश में विमान उतरने से मना कर दिया था। कोलंबिया का कहना था कि हमारे नागरिकों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार करना चाहिए। वह कोई अपराधी नहीं है। बाद में कोलंबिया ने नागरिकों की वापसी के लिए राष्ट्रपति के विमान की व्यवस्था की थी।

सैन्य उड़ानें पड़ रही हैं महंगी

हालांकि अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सैन्य विमान अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा संचालित उड़ानों की तुलना में काफी अधिक महंगी हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, पिछले सप्ताह ग्वाटेमाला के लिए एक सैन्य निर्वासन उड़ान की लागत प्रति प्रवासी लगभग $4,675 थी।

ट्रंप के आने के बाद अमेरिका ने अवैध प्रवासियों को लेकर कड़ा रवैया अपनाया है। इससे पहले पूरे चुनाव के दौरान भी ट्रंप अवैध प्रवास को लेकर लगातार बोलते रहे थे। 

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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