मंडीः हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि राज्य में नागरिकों को उनके घरों में शौचालय सीटों की संख्या के आधार पर सीवेज कनेक्शन शुल्क देना होगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है और हाल ही में जो अधिसूचना जारी हुई है, वह केवल पानी के शुल्क से संबंधित है।
रिपोर्ट्स में यह आरोप लगाया गया था कि वित्तीय संकट का सामना कर रही सुक्खू सरकार ने हर घर में शौचालय सीटों की संख्या के हिसाब से सीवेज कनेक्शन शुल्क लगाने का आदेश दिया है, जिसे विपक्षी दल बीजेपी ने “टॉयलेट टैक्स” करार देकर आलोचना की। बीजेपी नेताओं ने इसे सरकार का “बेतुका और शर्मनाक” कदम बताया।
दावों पर हिमाचल सरकार ने क्या कहा?
हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया, “मीडिया में प्रकाशित खबरें गलत हैं, जिसमें कहा गया है कि सीवेज कनेक्शन शौचालय सीटों की संख्या के आधार पर दिए जाएंगे। यह स्पष्ट किया जाता है कि वर्तमान सरकार द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।” बयान में यह भी कहा गया कि सीवेज कनेक्शन पहले की तरह ही दिए जाएंगे और हालिया अधिसूचना केवल पानी के शुल्क से संबंधित है, बाकी सभी शर्तें अपरिवर्तित हैं।
सरकार की यह सफाई तब आई जब बीजेपी नेताओं, जिनमें केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे, ने कथित आदेश की आलोचना की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे “अविश्वसनीय” करार देते हुए कहा कि यह कदम देश को शर्मसार करेगा।
उन्होंने ट्वीट किया, “यह अविश्वसनीय है, अगर यह सच है! जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता को जन आंदोलन बना रहे हैं, कांग्रेस लोगों से शौचालय के लिए कर वसूल रही है। यह कदम देश को शर्मिंदा करेगा।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी हमला बोला। नकवी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर कांग्रेस सरकार हिमाचल के लोगों को इस तरह का उपहार दे रही है निश्चित तौर पर इससे ज्यादा असंवेदनशीलता नहीं हो सकती है। यह एक क्रिमिनल एक्ट है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब नागरिकों से उनके घरों में शौचालय सीटों की संख्या के आधार पर टैक्स वसूलेगी। प्रधानमंत्री मोदी शौचालय बना रहे हैं और कांग्रेस उन पर टैक्स लगा रही है।”
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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्या कहा?
इस विवाद पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि यह महज अफवाहें हैं। सुक्खू ने कहा, यह बिल्कुल गलत है। चूंकि हरियाणा में चुनाव हैं, इसलिए बीजेपी ऐसे मुद्दों पर चर्चा कर रही है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
सुखविंदर ने कहा, “चुनाव से पहले भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में 5 हजार करोड़ की रेवड़ियां बांटी थी, जिसमें उन्होंने मुफ्त पानी के मीटर लगाने का वादा किया था, और कहा था कि पानी का कोई बिल नहीं लेंगे। हमने प्रति परिवार से 100 रुपये का बिल लेने की बात कही। जिसमें ओबेरॉय और ताज जैसे पांच सितारा होटल भी शामिल थे। इनमें वो भी थे जो कर देने की क्षमता रखते थे। टायलेट टैक्स जैसे कोई टैक्स नहीं है। जो लोग इस पर राजनीति करते है उन्हें समझना चाहिए। इसका सियासी लाभ नहीं लेना चाहिए। चीजों को पहले समझे और फिर बातें करनी चाहिए।”
गौरतलब है कि न्यूज 18 की रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक शौचालय सीट के लिए 25 रुपए का शुल्क लेगी, जिसे जल शक्ति बोर्ड के सीवेज और पानी के बिल का हिस्सा बताया गया था। हालांकि, सरकार ने इस तरह के किसी भी आदेश के जारी होने से इनकार किया है।