चंडीगढ़ः नाबालिग बच्ची से रेप केस में दोषी ठहराया गया डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख बाबा राम रहीम जेल से फरलो पर बाहर आ गया है। वो जेल में बीस साल की सजा काट रहा है।
बाबा चार साल के भीतर दस बार या तो पैरोल पर या फरलो पर जेल से बाहर आ चुका है। जबकि पिछले जून में ही शिरोमणि गुरुद्वार प्रबंधक समिति ने राम रहीम को बार बार पैरोल या फरलो मिलने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में गुहार लगायी थी कि एक दोषी पर इतनी मेहरबानी क्यों। फिर भी मेहरबानी हुई तो दो महीने बाद ही उसे फरलो मिल गया। क्या इसका कोई चुनावी कनेक्शन भी है। जवाब है कि हां।
हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। और उससे ठीक पहले बलात्कार के आरोप में सजा काट रहा बाबा राम रहीम जेल से बाहर भी आ गया है। एक अनुमान के मुताबिक हरियाणा के 9 जिलों में करीब 30 विधानसभा सीटें है, जिन पर राम रहीम का दखल या प्रभाव है।
एक अनुमान के मुताबिक हरियाणा में ही उसके पचास लाख से ज्यादा अनुयायी बताए जाते हैं। अब बाबा खुश होगा तो उसके भक्त खुश होंगे। भक्त खुश होकर जिसको वोट दे देंगे, उसके लिए सत्ता का रास्ता खुलने की उम्मीद बहुत बढ़ जाएगी। बोले भारत के इस वीडियो में हम इस बात का विश्लेषण करेंगे कि बाबा राम रहीम, आसाराम बापू जैसे बलात्कारी और पापी बाबाओं की राजनीतिक अहमियत किया है और कैसे चुनाव नजदीक आते ही नेता इन बाबाओं के सारे पाप भुलाकर इन्हें सिर पर बिठा लेते हैं।
ये भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 4 अक्टूबर को आएंगे नतीजे