पिछले कुछ सालों में देश में बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। दिल्ली में निर्भया कांड के बाद सरकार ने कानून भी बना दिया, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि उसके बाद भी बलात्कार की घटनाएं साल दर साल बढ़ी ही हैं। एक नया ट्रेंड ये भी देखने में आया है कि अब पीड़िता की रेप के बाद हत्या भी कर दी जाती है ताकि कोई साक्ष्य ही न रहे।
कोलकाता के एक अस्पताल में रेजिडेंट ट्रेनी डॉक्टर की हत्या ने इस एक बार फिर इस बहस को जन्म दिया है कि हमारे कानूनों में, न्यायिक व्यवस्था में ही तो कहीं कुछ खामियां नहीं है जिनका फायदा अपराधी लगातार उठा रहे हैं और मासूम लड़कियों को अपना शिकार बना रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील आर के सिंह से बोले भारत ने इस मुद्दे पर बात की और ये जानने की कोशिश की क्यों हमारे कानून, हमारी न्यायिक व्यवस्था आधी आबादी को एक सुरक्षित और भयमुक्त समाज देने में लगातार नाकाम साबित हो रही है।