राहुल गांधी की बातों में जातिगत जनगणना एक प्रमुख मुद्दा रही है। बीते दिनों कांग्रेस नेता प्रयागराज में थे, जहां उन्होंने दलितों, पिछड़ों आदिवासियों के साथ मुसलमानों को भी उनका हक दिलाने का वादा किया। इस जनेऊधारी हिंदू ब्राह्मण के स्वागत के लिए जो लाव लश्कर लगा हुआ था उसमें पांच-पांच पंडितजी विराजमान थे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने पूरा ट्वीट किया कि कांग्रेस के यूपी के प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राज्यसभा में उप नेता प्रमोद तिवारी, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा और राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी जी ने राहुल गांधी का स्वागत किया।
ये कमाल ही तो है! एक जनेऊधारी ब्राह्मण का स्वागत चार-चार ब्राह्मण और एक भूमिहार ब्राह्मण ने मिलकर किया। इसके बाद पांचों ब्राह्मणों के साथ राहुल गांधी उस समाज का भला करने के लिए निकल पड़े जो इस जनेऊ वाली संस्कृति का सदियों से सताया हुआ है। गिरोह सवर्णों का रहेगा, सवर्णों में भी सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मणों का लेकिन इनके दम पर राहुल गांधी दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों समेत मुसलमानों का भला कर देंगे।
आज ‘बोले भारत’ के इस वीडियो में हम ये बतायेंगे कि कैसे आजादी के बाद से कांग्रेस जातिगत जनगणना तो छोड़िए आरक्षण के भी खिलाफ ही रही है। हालांकि, आज राहुल गांधी इस अंदाज में भाषण देते हैं जैसे पिछड़ों और दलितों के साथ ये नाइंसाफी दस सालों का ही नतीजा है। जबकि सच्चाई तो ये है कि अगर राहुल गांधी की नीयत वाकई सच्ची होती तो अब तक वो कांग्रेस शासित राज्यों में जाति जनगणना करा चुके होते, राजीव गांधी फाउंडेशन, नेशनल हेराल्ड जैसे अपने अखबार में दलितों, पिछड़ों को उनका हक देने की पहल कर चुके होते।