दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर में पानी भर गया। इतना भर गया कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन बच्चों की जान चली गई। कोचिंग सेंटर बेसमेंट में था जिसमें बारिश के बाद पानी भर गया।
अचानक बेसमेंट में पानी भर जाने से वहां पढ़ रहे छात्रों को समझ में नहीं आया कि क्या करें। कई सारे छात्र बाहर निकल आए। कुछ छात्र फंस गए। उनमें ही तीन छात्रों की मौत हो गई।
ये मामला राव आईएएस स्टडी सेंटर नाम से चलने वाले कोचिंग का है। शनिवार शाम सात बजे के करीब सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड भी पहुंची। एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची।
सबने प्रयास भी किया लेकिन तीन—तीन परिवारों को अंधकार में डूबने से बचा नहीं सके। पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है। मगर पुलिस क्या जांच करेगी।
कोचिंग सेंटर वाले ने बेसमेंट को स्टोरेज के लिए लिया था, लेकिन वहां लाइब्रेरी बना दी। लाइब्रेरी यानी उसमें बच्चे बैठकर पढ़ते हैं। उसके लिए छात्रों से मोटी फीस वसूली जाती है। बेहद संकरी जगह, बहुत छोटे मेज और वेंटिलेशन के लिए कोई जगह नहीं।
बस ज्यादा से ज्यादा कुर्सी टेबल लगा दिए, एसी चला दी और पैसा वसूलने का मीटर शुरु।
यही है लाइब्रेरी का कॉन्सेप्ट। लेकिन क्या प्रशासन को, नगर निगम को, फायर ब्रिगेड को, पुलिस को संबंधित सभी सरकारी महकमों को ये नहीं देखना चाहिए कि जो जगह स्टोरेज के लिए तय की गई है, वहां साठ सत्तर अस्सी छात्रों की जिंदगी को कैसे मुश्किल में डाला जा रहा है।
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बेसमेंट लाइब्रेरी पूरी तरह ऐसी बनी थी कि कोई भी आपदा आ जाए तो निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं।
अगर दो रास्ते भी होते तो शायद ये हादसा नहीं होता। लेकिन सिस्टम की आंखों पर भ्रष्टाचार की इतनी मोटी पट्टी बंध चुकी है कि उसको सिर्फ अपनी गरम जेब दिखती है, इसके सिवाय कुछ नहीं दिखता है। आज भी उसे लीपापोती ही दिख रही होगी।
उसको उन माता-पिता की आंखों का सूनापन नहीं दिखेगा जिन्होंने अपने बच्चों को उस कालकोठरी में हमेशा हमेशा के लिए खो दिया।