बिहार की राजनीति में ये खबर फैल रही है कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीति में आ सकते हैं। पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार का स्वास्थ्य बहुत अच्छा नहीं लग रहा है। ऐसे में उनकी विरासत को संभालने के लिए उनके बेटे निशांत कुमार आ सकते हैं।

आप कह सकते हैं कि लो भैया, अब तक नीतीशे कुमार थे, जो वंशवाद से बचे हुए थे लेकिन अब वंशवादी राजनीति का दाग उनके भी सफेद दामन पर लगने जा रहा है। लेकिन जब कांग्रेस जैसी पार्टी ऐसी बात करती है कि राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा और निशांत कुमार को हरनौत की जनता स्वीकार नहीं करेगी तो बिहार में ही एक लोक कहावत याद आती है कि सूप तो सूप चलनी भी बोले जिसमें सौ छेद। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के कंधे पर लदी कांग्रेस का वंशवाद के खिलाफ आवाज उठाना हास्यास्पद लगता है।