अरविंद केजरीवाल का भारतीय राजनीति में आना एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट था। अन्ना आंदोलन के समय अरविंद केजरीवाल महान आदर्शों की पृष्ठभूमि पर खड़े थे। हालांकि अब जिस तरह की परिस्थिति बनी है, वह कुछ और इशारा कर रही है। देखते ही देखते केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की राजनीति आखिर कहां से कहां पहुंच गई…देखिए शांता सिंह का विश्लेषण-
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