प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में एक ऐसा फैसला लिया है जिससे एक झटके में डेढ़ करोड़ लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। एक ऐसा फैसला जिसने 21 साल से पस्त पड़ी एक उम्मीद को खिलने का मौका दे दिया।
एक ऐसा फैसला जिसमें डेढ़ करोड़ लोगों की जिंदगी को बदलने की क्षमता है। और एक ऐसा फैसला जिससे ना जाने कितने करोड़ हिंदुस्तानियों में नई आशा जगी है।
आशा इस बात की, कि अगर वो भारत सरकार के लिए वो अगर काम करते हैं, तो रिटायर होने के बाद उनको पेंशन मिलेगी। यानी जब शरीर काम करने में अक्षम होगा, उस वक्त मोदी सरकार का ये फैसला करोड़ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को भरण पोषण क संबल देगा।
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ये फैसला है यूपीएस का यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम का यानी ना ओल्ड पेशन स्कीम ना नेशनल पेंशन स्कीम, बल्कि एक ऐसी पेंशन स्कीम, जिसमें सरकारी नौकरी करने वालों के लिए रिटायरमेंट का जीवन भी उतना ही आसान होगा।