अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के दो गाँवों में अज्ञात बदमाशों द्वारा कई मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ का नारा लिखने के बाद तनाव फैल गया। स्प्रे पेंट और चॉक से लिखे गए इस नारे से स्थानीय लोगों में नाराजगी है और मामले को संभालने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
न्यूज-18 की रिपोर्ट के अनुसार ये नारे शुक्रवार देर रात के बाद या शनिवार सुबह बुलाकगढ़ी और भगवानपुर के मंदिरों में दिखाई दिए। अलीगढ़ के एसएसपी नीरज कुमार जादौन के अनुसार दो गाँवों के चार मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ के नारे लिखे पाए गए।
एसएसपी ने इस कृत्य को सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से किया गया उकसावे वाला कृत्य बताया है और स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया।
इसके अलावा, अलीगढ़ के एसएसपी ने दोनों गाँवों में धार्मिक स्थलों का निरीक्षण किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। अधिकारी ने बताया कि इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धार्मिक स्थलों से नारे मिटा दिए गए हैं।
अलीगढ़ पुलिस ने X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘थाना लोधा – धार्मिक स्थलों पर धार्मिक नारे लिखे जाने की सूचना मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ द्वारा बुलाकगढ़ी और भगवानपुर गाँवों में स्थित सभी धार्मिक स्थलों का निरीक्षण किया गया। चार धार्मिक स्थलों पर लिखे नारे हटा दिए गए हैं। ग्रामीणों से भी बातचीत की गई है। गाँव में पहले हुए विवाद की भी जानकारी मिली है। सभी पहलुओं की गहन जाँच की जा रही है। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर घटना में शामिल आरोपियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। घटनास्थल पर शांति बनी हुई है।’
इस बीच स्थानीय लोगों और संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे अशांति भड़काने का प्रयास बताया है। आशंका जताई जा रही है कि यह घटना ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान का हिस्सा है, जो सितंबर से उत्तर प्रदेश के कई जिलों- जैसे बरेली, कानपुर, मुरादाबाद और फर्रुखाबाद- में अराजकता फैलने की वजह बनी है। बहरहाल, इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले कल दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में ऐसा ही धार्मिक स्लोगन लिखे जाने का मामला सामने आया था। हालांकि, सूचना मिलने की विश्वविद्यालय प्रशासन ने जगह-जगह लिखे गए ‘आई लव मोहम्मद’ को मिटा दिया था। कई छात्रों के अनुसार जेएनयू में अगले महीने होने वाले छात्रसंघ चुनाव से पहले माहौल खराब करने की ये कोशिश हो सकती है।
क्या है ‘आई लव मोहम्मद’ नारे से जुड़ा विवाद?
हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश सहित देश के कुछ और राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आई लव मोहम्मद का पोस्टर लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया है। उत्तर प्रदेश इसे लेकर खासा चर्चा में रहा है। बरेली में हाल में पुलिस और प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच झड़प भी देखने को मिली थी।
यह पूरा विवाद 4 सितंबर को कानपुर से शुरू हुआ था। कानपुर के रावतपुर में बारावफात (ईद-ए-मिलाद-उन-नबी) के जुलूस के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक बैनर लगवाया था। इस पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा था। तब कुछ स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसे नई परंपरा बताते हुए आपत्ति जताई थी। पुलिस ने तब हस्तक्षेप करते हुए इसे हटवा दिया था।
पुलिस ने तब विवाद के बीच 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने बताया कि एफआईआर बैनर को लेकर नहीं बल्कि तय जगह से अलग लगाने और दूसरे धर्म के धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने को लेकर हुई है। वहीं, मुस्लिम समुदाय की ओर से आरोप लगने शुरू हुए कि आई लव मोहम्मद नारे को अपराध की तरह पेश करने की कोशिश हो रही है।

