Thursday, October 16, 2025
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अमेरिका में रहने वाले लाखों भारतीय छात्रों की बढ़ सकती है मुसीबत, जानें क्या है वजह?

वाशिंगटनः अमेरिकी संसद में एक नया विधेयक पेश किया गया है जिससे वहां रहने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की चिंता बढ़ गई है। अमेरिका में रहकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) जैसे पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने वाले छात्र ज्यादा चिंता में हैं क्योंकि संसद में पेश किए गए इस विधेयक में वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (OPT) को समाप्त करने की मांग की गई है।

यह एक प्राधिकरण कार्यक्रम है जो छात्रों को स्नातक के बाद वहां तीन साल रहने की अनुमति देता है।

करियर संभावनाओं को लेकर चिंतित भारतीय छात्र

इकॉनामिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे वहां रहने वाले भारतीय छात्र अधिक चिंतित हैं क्योंकि वे पेशेवर अनुभव के लिए वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण पर निर्भर करते हैं। इससे भारतीय छात्रों के बीच करियर संभावनाओं को लेकर भी चिंता है। 

हिंदुस्तान टाइम्स ने ओपन डोर्स के हवाले से लिखा है कि साल 2023-24 के दौरान भारत अमेरिका में रहने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में पहले स्थान पर रहा है। इस वर्ष अमेरिका में 3,31,602 छात्र थे। पिछले साल के मुकाबले इसमें 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 

इन छात्रों में से 97,556 छात्रों ने वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण में भाग लिया था जो पिछले साल की तुलना में 41 प्रतिशत अधिक था। हालांकि अमेरिकी सरकार द्वारा इससे पहले भी OPT को खत्म करने के प्रयास हुए थे लेकिन सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में विधेयक के आने के बाद छात्रों के बीच चिंता बढ़ी है क्योंकि ट्रंप प्रशासन आप्रवासन के मुद्दों पर कड़ी नीतियां अपना रहा है। 

एफ-1 और एम-1 वीजा धारक है चिंतित

डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान ही बड़े स्तर पर निर्वासन और वीजा को लेकर सख्त नियम बनाने के बयान दिए थे और उनका प्रशासन उस दिशा में काम भी कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब एफ-1 और एम-1 वीजा धारकों को भी परेशानी हो रही है। इन लोगों में बहुत से लोगों ने त्वरित रूप से उन पदों के लिए आवेदन शुरू कर दिये हैं,जो उनके वीजा को एच-1बी वीजा में बदलने में मदद कर सकते हैं। 

इस बीच कुछ भारतीय छात्रों ने गर्मियों में बाहर घूमने जाने की योजना को रद्द कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों को डर है कि अगर वह देश से बाहर गए तो हो सकता है कि उन्हें अमेरिका में दोबारा प्रवेश न मिल सके। 

रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि कुछ संस्थानों जैसे कोलंबिया, येल और कॉर्नेल ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अनाधिकारिक रूप से यह सलाह दी है कि वे छुट्टियों के दौरान घर से बचें। 

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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