लखनऊ: यूपी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी-UPPSC) के खिलाफ प्रयागराज में विरोध कर रहे छात्रों की मांगों को सरकरा ने मान लिया है। पिछले चार दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्नशन के बीच गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष संजय श्री नेत की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है।
बैठक में प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) की प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की परीक्षा को स्थगित कर दी गई है और इसके लिए एक कमिटी गठित की गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, आरओ और एआरओ की परीक्षा कब होगी इसकी अभी जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन सूत्रों ने कहा है कि पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर आयोग द्वारा जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज डीएम रवीन्द्र कुमार ने कहा है कि पीसीएस की परीक्षा के तारीखों के बारे में यूपीपीएससी द्वारा जल्द ही ऐलान किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार छात्रों और अन्य लोगों को भी छोड़ने की बात सामने आ रही है।
बता दें कि यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आयोग से छात्रों की चिंताओं को दूर करने और एक कुशल और निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।
सोमवार से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में बुधवार को पुलिस ने 12 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। प्रदर्शन के दौरान मंगलवार रात को पुलिस के बैरिकेड को तोड़ने और कोचिंग बोर्डों को नुकसान पहुंचाने के लिए इन छात्रों पर केस दर्ज हुआ था।
यूपीपीएससी ने बयान में क्या कहा है
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, गुरुवार को सीएमओ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सीएम योगी ने प्रयागराज में छात्रों की मांग का संज्ञान लिया है और आयोग को एक दिन में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 के संबंध में छात्रों के साथ संवाद और समन्वय करके आवश्यक निर्णय लेने को कहा है।
बयान में आगे कहा गया है कि आरओ के लिए आयोग द्वारा एक समिति का गठन किया गया है। समिति सभी पहलुओं पर विचार करेगी और जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।
कुछ और मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी छात्र आयोग के इस फैसले से खुश नहीं है और वे विरोध जारी रखने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले में केवल एक वर्ग को खुश किया गया है जबकि दूसरे वर्ग को असंतुष्ट रखा गया है।
छात्रों का कहना है कि जब तक आरओ और एआरओ की परीक्षा के तारीखों का ऐलान नहीं होता है, उनका विरोध जारी रहेगा। प्रदर्शनकारी इसे फूट डालो और राज करो वाली नीति जैसा बता रहे हैं।
मामले में मैनपुरी से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डिंपल यादव ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
डिंपल यादव ने योगी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं समझती हूं कि कहीं न कहीं कोई वजह दिखी होगी। सरकार लगातार इस तरह के गलत निर्णय लेती रहती है और फिर दवाब में आकर उनको वापस लेती है। यह अच्छी बात है कि यूपी सरकार ने अपना गलत निर्णय वापस लिया है।
छात्रों का यूपीपीएससी से क्या मांग थी
यूपीपीएससी की दफ्तर के सामने विरोध कर रहे छात्रों की यह मांग थी कि पीसीएस प्री, आरओ और एआरओ की परीक्षा को दो दिन और दो शिफ्ट के बजाय एक दिन में आयोजित किया जाए। उनकी मांग थी कि ये परीक्षाएं पहले की तरह एक दिन और एक ही शिफ्ट में ही कराया जाए।
यही नहीं छात्र नॉर्मलाइजेशन व्यवस्था के लागू होने को लेकर भी विरोध कर रहे थे। परीक्षाओं में इस तरह की व्यवस्था तब होती है जब परीक्षाएं एक दिन के बजाय कई दिन या फिर अधिक शिफ्ट में होती हैं।
इस तरह की व्यवस्था को लेकर यह माना जाता है कि इसमें होने वाली परीक्षाओं में कोई पेपर कठिन तो कोई सरल आ जाता है। इससे परीक्षा में शामिल छात्रों के अंक घट या फिर बढ़ भी सकते हैं।
एक ही दिन परीक्षाओं को आयोजित कराने को लेकर छात्रों का कहना था कि इससे छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा नहीं होगी और इससे निष्पक्षता भी सुनिश्चित हो सकेगी। इससे पहले प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा था कि जब तक उनकी सारी मांगे पूरी नहीं होगी, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
क्या है पूरा मामला
जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक जनवरी 2024 को यूपीपीएससी ने प्री परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया था और इसकी परीक्षा 17 मार्च को होने वाली थी लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था।
यही नहीं यूपीएससी की आरओ और एआरओ की परीक्षा भी 11 फरवरी को होने वाली लेकिन वह भी पेपर लीक के चलते टाल दिया गया था। मामले में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद सीएम योगी ने छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा कराने की बात कही थी।
छह महीने बीत जाने के बाद भी परीक्षा का ऐलान नहीं हुआ था और पुलिस जांच जारी थी जिसमें से कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके कुछ दिन बाद यूपी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर अक्टूबर में परीक्षा कराने की बात कही थी लेकिन वह भी नहीं हुआ था।
इसके बाद यूपीपीएससी ने पांच नवंबर को आरओ और एआरओ को दो दिन में यानी 22 और 23 दिसंबर को तीन शिफ्ट में परीक्षा आयोजित कराने का ऐलान किया था। इसके साथ ही यूपीपीएससी ने प्री परीक्षाओं को सात और आठ नवंबर को दो शिफ्ट में आयोजित करने का फैसला लिया गया था।
ऐसे में यूपीपीएससी के इस फैसले पर छात्रों ने असहमतति जताई थी और इसका वे विरोध किया था। वे आयोग को पहले की तरह इन परीक्षाओं को एक ही दिन आयोजित कराने की मांग कर रहे थे।