नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गुरुवार को इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी किया है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि संगठन का लक्ष्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में एक इस्लामिक राज्य और खिलाफत स्थापित करना है।
संगठन पर भारत के युवाओं को बहलाकर कट्टरपंथी बनाने, उन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल करने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का आरोप लगा है।
मंत्रालय द्वारा यह एक्शन तब लिया गया है जब हाल में तमिलनाडु से संगठन का एक आतंकी गिरफ्तार हुआ था। संगठन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत बैन लगाया गया है। हिज्ब-उत-तहरीर का लिंक भारत समेत दुनिया के 30 अन्य देशों से है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में क्या कहा है
यह संगठन भोले-भाले लोगों को अपनी जाल में फंसाकर उन्हें आतंक की राह पर चलने के लिए उकसाता था। आरोप यह भी है कि यह संगठन पहले तो मासूम युवकों को जिहाद का ककहरा सीखाकर उन्हें अपने संगठन में शामिल कराता था और इसके बाद उन्हें आईएसआईएस में शामिल कराता था।
यह संगठन कई देशों में इस्लामिक राज्य स्थापित करना चाहता था। कई आतंकी गतिविधियों में भी इसका हाथ रह चुका है, जिसे देखते हुए इस पर मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाया है।
केंद्र सरकार ने जारी एक अधिसूचना में कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर नौजवानों को अपने संगठन में शामिल कराता था। इसके बाद उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए बाकायदा प्रशिक्षिण तक भी देता था, ताकि दुनियाभर में अशांति फैलाई जाए।
अधिसूचना के अनुसार, संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और कुछ सुरक्षित ऐपों के जरिए ‘दावाह’ वाले बैठकें आयोजित करता था और आतंकवाद को बढ़ावा देता था।
Ministry of Home Affairs has declared Hizb-Ut-Tahrir (HuT) and all its manifestations and front organisations as terrorist organisations under the Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967. pic.twitter.com/Fe6hISPClL
— ANI (@ANI) October 10, 2024
संगठन का उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से भारत समेत अन्य लोकतांत्रिक देशों में चुनी हुई सरकार को खत्मकर वहां पर इस्लामिक राज्य और खिलाफत स्थापित करना था। मंत्रालय ने कहा है कि संगठन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था, इसे देखते हुए इसे बैन किया गया है।
इससे पहले, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इसी संगठन से जुड़े एक व्यक्ति फैजुल रहमान को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह एनआईए की हिरासत में है। पिछले सात दिन से लगातार उससे पूछताछ जारी है।
एनआईए ने भी इस संबंध में बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कुछ लोग इस संगठन की आड़ में देश में अशांति फैलाना चाहते हैं और अपने इन्हीं मंसूबों को धरातल पर उतारने के लिए युवाओं का इस्तेमाल करना चाहते थे।
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि गिरफ्तार किया गया शख्स सक्रिय रूप से अलगाववाद का प्रचार में लगा हुआ था। उस पर कश्मीर को आजाद करने के लिए पाकिस्तान से सैन्य सहायता की मांग करने का आरोप लगा है।
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कौन है हिज्ब-उत-तहरीर
साल 1953 में हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना यरूशलेम में हुई थी। यह एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक समूह है जिसका मुख्य उद्देश्य उसके ऑपरेट करने वाले देशों में इस्लामी कानून के तहत खिलाफत शासन को स्थापित करना है।
इसका मुख्यालय लेबनान में है। इसका नेटवर्क यूके, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित कम से कम 30 देशों में फैला हुआ है।
भारत से पहले जर्मनी, मिस्र, ब्रिटेन, कई मध्य एशियाई और अरब देशों सहित कई और देशों ने इस पर बैन लगा रखा है। बता दें कि इजराइल और यहूदियों पर हमला होने पर संगठन द्वारा इन हमलों की तारीफ भी की जाती है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ