कीव (यूक्रेन): यूक्रेन के शीर्ष कमांडर ने कहा है कि कीव की सेनाएं रूसी क्षेत्र में 1,000 वर्ग किमी पर नियंत्रण कर चुकी हैं। पिछले करीब ढाई साल से जारी इस जंग में यूक्रेन का रूसी क्षेत्र में दाखिल होने का यह सबसे बड़ा दावा है। कमांडर ऑलेक्जेंडर सिर्स्की ने कहा कि यूक्रेन ने 'कुर्स्क क्षेत्र में आक्रामक अभियान चलाने' की शुरुआत के बाद सात दिन बाद भी इसे जारी रखा है।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस दूसरों के लिए युद्ध लेकर आया था और अब वह उसी जाल में फंस रहा है। दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले को 'बड़ा उकसावे वाला कदम' बताया है और रूसी सेना को दुश्मन को क्षेत्र से बाहर निकालने का आदेश दिया है।

क्षेत्र के 28 गांव पर यूक्रेनी सेना का कब्जा

इस बीच पश्चिमी रूसी क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा के मद्देनजर निकाला गया है। साथ ही 59,000 से अधिक और लोगों को इलाके को छोड़ने के लिए कहा गया है। कुर्स्क क्षेत्र के कार्यवाहक गवर्नर एलेक्सी स्मिरनोव ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक बैठक के दौरान बताया कि क्षेत्र के 28 गांव यूक्रेनी बलों के कब्जे में आ गए हैं। साथ ही 12 नागरिक मारे गए हैं और 'स्थिति कठिन' बनी हुई है।

दरअसल, यूक्रेनी सैनिकों ने पिछले मंगलवार को कुर्स्क क्षेत्र पर हमला शुरू किया था। इसके बाद वे रूस में 30 किमी तक आगे बढ़ गए। वैसे यूक्रेनी कमांडर-इन-चीफ के इस दावे पर संदेह भी जताया जा रहा है कि उसकी सेना ने अब 1,000 वर्ग किमी रूसी क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया है। अमेरिका स्थित इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर थिंक टैंक का मानना है कि पूरा क्षेत्र यूक्रेन के नियंत्रण में नहीं है।

रूसी क्षेत्र में दाखिल होना यूक्रेन को पड़ेगा भारी?

रूसी क्षेत्र में यूक्रेनी सेनाओं के दाखिल होने से यह जरूर है कि यूक्रेनी पक्ष का मनोबल बढ़ा है। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि यह रणनीति यूक्रेन के लिए नए खतरे ला सकती है। संभव है कि मॉस्को इस घुसपैठ से इतना नाराज हो जाए कि वह यूक्रेन पर अपने हमलों को और दोगुना कर सकता है।

कई जानकार यह भी मान रहे हैं कुर्स्क में युक्रेन के हमले का मकसद रूस का ध्यान भटकाना हो सकता है। यूक्रेन पिछले कई महीनों से अपने पूर्वी इलाके में रूसी सेना को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। यूक्रेन के लिए उत्तर-पूर्व और दक्षिण में भी हालात मुश्किल बने हुए है। ऐसे में संभव है कि यूक्रेन ने इन दबावों को हटाने और रूस का ध्यान भटकाने के लिए कुर्स्क क्षेत्र में हमला किया।