नई दिल्ली: व्हाइट हाउस के इस बयान के बाद कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर बातचीत करते हैं, कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी ने पूछा कि अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री मोदी इस बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकार क्यों नहीं करते और वे आखिर किस बात से डर रहे हैं?
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि भारत के लोगों को ऑपरेशन सिंदूर के स्थगित होने की जानकारी भी सबसे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री के 10 मई को शाम 5.37 बजे दिए गए बयान से मिली थी। उन्होंने कहा, “अब व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट से पता चला है कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच व्यापार समझौते को लेकर बार-बार बातचीत हो रही है। यह अच्छी बात है कि दोनों नेता संवाद कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री इसे स्वीकार क्यों नहीं करते? वे किस बात से डरते हैं?”
व्हाइट हाउस ने क्या कहा है?
दरअसल, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य को लेकर बेहद सकारात्मक और आशावादी हैं। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने हाल ही में दीपावली के अवसर पर व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में कई वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी अधिकारियों के साथ जश्न मनाते समय प्रधानमंत्री मोदी से सीधे बातचीत की थी।
लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी के प्रति गहरा सम्मान है और वे एक-दूसरे से काफी बार बात करते हैं। दोनों देशों के व्यापारिक दल भी गंभीर वार्ताओं में जुटे हैं। भारत में हमारे राजदूत सर्जियो गोर भी शानदार काम कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनके व्यापारिक सलाहकार भारत के साथ नई आर्थिक साझेदारी पर गंभीर बातचीत कर रहे हैं। पिछले महीने ट्रंप ने ओवल ऑफिस में दीपावली उत्सव आयोजित किया था, जिसमें भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा और कई भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति शामिल हुए थे।
ट्रंप ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर दीपावली की शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने कहा था कि भारत और अमेरिका आशा की रोशनी से दुनिया को प्रकाशित करते रहें और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें।
पीएम मोदी ने इस पर एक्स पर जवाब देते हुए लिखा कि “आपके फोन कॉल और गर्मजोशी भरे दीपावली संदेश के लिए धन्यवाद, राष्ट्रपति ट्रंप। हमारी दोनों महान लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं इस रोशनी के पर्व पर दुनिया को आशा से भर दें और हर रूप में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें।”
पिछले सप्ताह दक्षिण कोरिया में ट्रंप ने कहा था कि वे भारत के साथ नया व्यापार समझौता करने की उम्मीद रखते हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका-भारत के बीच तनाव अपने निचले स्तर पर पहुंच गया था। अमेरिका ने जुलाई में भारतीय आयात पर पहले 25 प्रतिशत और फिर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। हालांकि रूस की तेल कंपनियों पर नई पाबंदियों के बाद भारत ने अपने आयात में कमी की है।

