नई दिल्ली/वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद करने का आश्वासन दिया है। ट्रंप ने रविवार यह तीसरी बार दावा किया हालांकि भारत सरकार ने ऐसी किसी भी बातचीत से स्पष्ट इनकार किया है।
ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन में मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है और उन्होंने कहा है कि वे अब रूसी तेल नहीं खरीदेंगे।” जब उनसे भारत द्वारा इस बातचीत से इनकार किए जाने पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “अगर वे ऐसा कहना चाहते हैं, तो फिर उन्हें भारी टैरिफ चुकाने होंगे, जो वे नहीं चाहते।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं चल रही हैं और ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक का टैरिफ लगाया है। इनमें से लगभग आधे शुल्क भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद जारी रखने के कारण लगाए गए हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया, तो इन टैरिफ को वापस नहीं लिया जाएगा।
ट्रंप के मुताबिक, “मैं खुश नहीं था कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है। लेकिन मोदी ने मुझे भरोसा दिलाया है कि भारत अब ऐसा नहीं करेगा। यह तुरंत नहीं, लेकिन जल्द ही बंद हो जाएगा।” उन्होंने यह बयान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान भी दोहराया।
ट्रंप के पहली बार यह दावा करने के तुरंत बाद, भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप और मोदी के बीच किसी भी बातचीत की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया था। कहा था कि दोनों नेताओं के बीच किसी बातचीत की मुझे जानकारी नहीं है।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया था, “भारत तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण आयातक है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह से इसी उद्देश्य से निर्देशित होती हैं।”
इस बीच, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि भारत ने रूसी तेल की खरीद लगभग आधी कर दी है, जबकि रॉयटर्स ने भारतीय सूत्रों के हवाले से बताया कि नवंबर और दिसंबर के लिए पहले से तय ऑर्डरों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। भारतीय रिफाइनरियों ने पहले ही नवंबर के लिए शिपमेंट का ऑर्डर दे दिया था और कुछ दिसंबर में आने वाले हैं।
कमोडिटीज डेटा फर्म केप्लर (Kpler) के अनुमानों से पता चलता है कि यूक्रेन के ड्रोन हमलों के बाद रूस द्वारा निर्यात बढ़ाए जाने के कारण इस महीने भारत का रूसी तेल आयात लगभग 20% बढ़कर 1.9 मिलियन बैरल प्रति दिन होने वाला है। ट्रंप ने बीते हफ्ते कहा था कि तेल व्यापार तुरंत समाप्त नहीं होगा, बल्कि यह एक छोटी अवधि के भीतर समाप्त होगा, क्योंकि इसमें थोड़ी प्रक्रिया शामिल है।