मिजोरमः मणिपुर के जिरिबाम जिले के जैरावन गांव में एक 31 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ गुरुवार रात को कथित तौर पर बलात्कार किया गया और फिर उसे उसके घर में जला दिया गया। हमलावरों ने गांव में आतंक फैलाने के लिए अंधाधुंध गोलीबारी, लूटपाट और आगजनी की, जिसमें 17 घर जलकर खाक हो गए। इस हिंसक घटना से इलाके में दशहत और आक्रोश का माहौल है।
पीड़िता के पति द्वारा जिरिबाम पुलिस में दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में नस्लीय और सांप्रदायिक आधार पर बलात्कार और हत्या की बात कही गई है। घटना स्थल पर मौजूद अपराधियों की पहचान शुक्रवार रात तक नहीं हो पाई थी, लेकिन संदेह है कि वे घाटी से आए थे। वहीं, हमलावरों ने गांव के 16 अन्य घरों को जला दिया।
महिला के पति ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया
मृत आदिवासी महिला का नाम पी. जोसंगकिम बताया जा रहा है जो शिक्षिका थी। उसके पति ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी के साथ उसके गांव जैरावन में पहले यौन उत्पीड़न किया गया और फिर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उन्हें बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ गांव छोड़ने की अनुमति दी लेकिन उनकी पत्नी को नहीं जाने दिया और घर में ही जला दिया। घटना शुक्रवार देर 9 बजे की बताई जा रही है। एफआईआर के मुताबिक, बलात्कार और हत्याएं जाति और सांप्रदायिक आधार पर की गईं।
#Manipur
The recent attack on the Hmar village of Zairawn in Jiribam,Manipur, is a devastating incident that has left seven houses in ashes and claimed the life of Pi Zosangkim,a mother of three,who was brutally shot and burned alive by Meitei terrorists and radical… pic.twitter.com/Ty96Jks3y5— Voice Of The Hills (Kuki Ka Parivar) (@VoiceOfDaHills) November 8, 2024
भाजपा ने कानून व्यवस्था को हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया हैः टीएमसी
उधर, तृणमूल कांग्रेस ने इस ताजा घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। इस खबर को शेयर करते हुए टीएमसी ने अपने एक्स हैंडल से लिखा- मणिपुर में महिलाओं को निर्मम हिंसा का सामना करना पड़ रहा है! महिलाओं की गरिमा छीनने वाली अकल्पनीय हिंसा से लेकर एक माँ के साथ बलात्कार और उसे जिंदा जला देने तक, भाजपा ने मणिपुर की कानून व्यवस्था को हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया है।टीएमसी ने आगे लिखा- कब तक भाजपा नेता अपने आलीशान महलों में बैठे रहेंगे जबकि महिलाओं के साथ हर दिन अत्याचार होता रहेगा?
असम में होगा शव का फॉरेंसिक जांच
पुलिस ने महिला के जले हुए शव को फॉरेंसिक जांच के लिए असम के सिलचर भेजने का निर्णय लिया। जिरिबाम एसपी ने जिला मजिस्ट्रेट को सूचित किया कि इम्फाल में फॉरेंसिक सुविधाएं मौजूद होने के बावजूद, चल रहे जातीय संकट के कारण सड़क मार्ग से शव को इम्फाल ले जाना “बहुत ही असुविधाजनक” होगा।
हमार संगठन और आदिवासी नेताओं ने क्या कहा?
हमार जनजाति के शीर्ष संगठन हमार इनपुई ने इस घटना को मणिपुर में चल रहे जातीय सफाई अभियान का एक और भयावह उदाहरण बताया है। फेरजावल और जिरिबाम की आदिवासी समुदायों की समिति ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि कुकी-जोमी-हमार समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, चुराचांदपुर के आदिवासी समुदायों के संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ ने इस घटना के जिम्मेदार लोगों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।
दक्षिणी असम से सटे मिश्रित आबादी वाले जिरीबाम जिले में इस साल हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। पिछले साल मई से पूर्वोत्तर राज्य के कई जिलों में जातीय हिंसा भड़कने के बाद भी जिले में कुल मिलाकर स्थिति अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रही है। लेकिन इस घटना के बाद शांति काल का अंत हो गया।
7 सितंबर को जिले में एक बंदूक लड़ाई में छह लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद अक्टूबर में, गृह मंत्रालय ने भाजपा-नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया था ताकि मणिपुर में चल रहे संघर्ष का समाधान किया जा सके।