जयपुर: देश भर में बढ़ रहे रेल हादसों को देखते हुए भारतीय रेल ने मंगलवार को ‘रेल रक्षक दल’ की शुरुआत की है। इसे अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे (NWR) जोन में शुरू किए गए इस परियोजना का उद्देश्य रेल हादसों के दौरान तुरंत मदद पहुंचाना है। इस दल को इस तरह से ट्रेनिंग दिया गया है कि घटनास्थल पर जल्द से जल्द पहुंचे और बचाव कार्य को सही तरीके से पूरा करे। दल में शामिल होने वाले रेलवे स्टाफ को हर तरह की ट्रेनिंग दी गई जिसमें तैराकी भी शामिल है।
बता दें कि पहले जब कभी भी कोई रेल हादसा हो जाता था वहां पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) जैसी बाहरी एजेंसियों की मदद ली जाती थी। लेकिन दल के तैयार होने से आने भविष्य में होने वाले सभी हादसों में इसकी मदद ली जाएगी।
आपात स्थितियों में मुफ्त में उपलब्ध होगी परियोजना-उत्तर पश्चिम रेलवे
देशभर में रेल हादसों पर अंकुश लगाने के मकसद से रेलवे सुरक्षा दल का गठन किया गया है। इसमें ऐसे लोगों व तकनीकों को शामिल किया गया है, जो घटनास्थल पर तत्काल पहुंचकर प्रभावितों को मदद पहुंचाने में सक्षम होंगे।
परियोजना पर बोलते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने कहा है कि आपात स्थितियों के दौरान सभी हितधारकों को यह परियोजना मुफ्त में दी जाएगी। रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक ज्योति कुमार सतीजा ने इस परियोजना की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि पहली बार ऐसा होगा जब आरपीएफ सीधे बचाव कार्यों में शामिल होगा।
दल के बारे में उत्तर पश्चिम रेलवे ने क्या कहा है
महाप्रबंधक अमिताभ ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, “केंद्रीय मंत्री से मिले निर्देश के बाद इस मोबाइल यूनिट को बनाया गया है। इसमें विधिवत प्रशिक्षण के बाद ही लोगों को शामिल किया गया है। इसमें शामिल किए गए लोगों को विस्तारपूर्वक बताया गया है कि कैसे किसी घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों का रेस्क्यू करना है। यह बहुत तेजी से काम करने वाली यूनिट साबित होगी।”
अमिताभ ने आगे कहा है, “हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हमारे पास पहले से ही तंत्र मौजूद है, लेकिन यह जल्द ही पहुंचने में अक्षम है, जिसे देखते हुए यह यूनिट बनाई गई है, ताकि समय रहते प्रभावित लोगों का रेस्क्यू किया जा सके।”
यूनिट में कुशल यंत्र भी किए गए हैं शामिल-उत्तर पश्चिम रेलवे
उत्तर पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकरण ने इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “आप कह सकते हैं कि यह भारतीय रेलवे द्वारा किया गया पहला प्रयास है, जिसमें हमने रेलवे सुरक्षा दल के नाम से मोबाइल यूनिट बनाई है। यह यूनिट ऐसी जगहों में पहुंचने में सक्षम होगी, जहां आमतौर पर पहुंचना दूभर होता है।”
शशिकरण ने आगे कहा है, “कई हादसों में देखने को मिला है कि रेस्क्यू टीम के लिए घटनास्थल पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है, उसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह यूनिट बनाई है। हमने प्रशिक्षित लोगों को इसमें शामिल किया है। इसके अलावा, जो भी यंत्र इसमें शामिल हैं, वो बेहद कुशल हैं। वो लोगों को रेस्क्यू करने में पूरी तरह योग्य हैं। किसी भी विषम परिस्थिति में यह लोगों को बचाने में सक्षम हैं।”
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लगातार 2 महीने की गई है इसकी तैयारी-शशिकरण
शशिकरण ने यह भी कहा है, “हमने दो महीने लगातार इस पर काम किया है। यह रेलवे की ओर से किया गया अभिनव प्रयास है, जिसकी सराहना की जा रही है। इसमें हमने कुल छह लोगों को शामिल किया है। इसके अलावा, हमने इनके कार्य भी विभाजित कर दिए हैं। हमने इसमें शामिल लोगों को रेस्क्यू के लिए पूरी ट्रेनिंग भी दी है। इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सुरक्षात्मक उपकरण भी हमने शामिल किया है।”
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ