श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में आतंकियों ने ग्राम रक्षा समिति (वीडीजी) के दो सदस्यों की हत्या कर दी। यह घटना गुरुवार को किश्तवाड़ के ओहली-कुंतवाड़ा गांव की है, जहां स्थानीय निवासी नजीर अहमद और कुलदीप कुमार अपने मवेशियों को चराने जंगल गए थे। इसी दौरान आतंकियों ने उनका अपहरण कर उन्हें मार डाला। घटना की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े “कश्मीर टाइगर्स” ने ली है, जिन्होंने सोशल मीडिया पर पीड़ितों की आंखों पर पट्टी बांधे हुए तस्वीरें भी साझा कीं।
इस जघन्य कृत्य के बाद पुलिस ने व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, हालांकि मृतकों के शव अभी तक बरामद नहीं किए जा सके हैं। कुलदीप के भाई पृथ्वी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि उनके भाई और नजीर का अपहरण कर आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसे “कायरतापूर्ण हमला” करार देते हुए कहा, “इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा करता हूँ और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। हम सभी आतंकी संगठनों को नष्ट करने और इस कृत्य का बदला लेने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने भी इस घटना की निंदा की। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ग्राम रक्षा समिति के निर्दोष सदस्यों की हत्या से मैं बेहद दुखी हूँ। आतंकियों द्वारा की गई यह हिंसा क्षेत्र में शांति स्थापित करने में बड़ी बाधा बन रही है।”
सोपोर में आतंकियों के खिलाफ अभियान तेजी
इस घटना के कुछ समय बाद ही कश्मीर के सोपोर और बारामूला जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने गुरुवार को पानीपोरा इलाके में तलाशी अभियान चलाया। जैसे ही सुरक्षाबल आतंकियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, आतंकियों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारियों ने जानकारी दी कि इलाके में दो से तीन आतंकियों का एक समूह छिपा हुआ है।
हाल के दिनों में आतंकियों द्वारा बढ़ती हिंसक घटनाओं के जवाब में सुरक्षा बलों ने अपने अभियान तेज कर दिए हैं। 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक बुनियादी ढांचा परियोजना कंपनी के श्रमिक शिविर पर हमला करके आतंकवादियों ने सात लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद 24 अक्टूबर को बारामूला जिले के गुलमर्ग के बूटा पाथरी इलाके में आतंकवादियों ने सेना के एक वाहन पर हमला कर तीन सैनिकों और दो असैन्य पोर्टरों की हत्या कर दी थी।
गगनगीर और गुलमर्ग में हुए दो हमलों में नौ आम नागरिकों और सेना के तीन जवानों की हत्या की व्यापक रूप से निंदा की गई थी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन दोनों हमलों के बाद कहा कि इन हमलों में शामिल लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि नागरिकों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा।
सोपोर, जो पहले से ही आतंकवाद का गढ़ माना जाता रहा है। 1990 के बाद से कई वर्षों तक विभिन्न संगठनों के आतंकवादी यहां सक्रिय रहे हैं। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई के कारण यहां अलगाववादी गतिविधियों में कमी आई है। लेकिन हालिया घटनाओं से क्षेत्र में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है।